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सुखविंदर सुक्खू बने रहेंगे CM, 6 बागी विधायकों को लौटने की पेशकश

सरकार और संगठन में समन्य के लिए बनेगी 6 सदस्यीय समिति

sukhvinder singh sukhu

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, गुरुवार, 29 फ़रवरी 2024 (17:47 IST)
Sukhwinder Sukhu will remain CM: हिमाचल प्रदेश में जारी राजनीतिक उठापटक के बीच मामले को सुलझाने के लिए दिल्ली से हिमाचल पहुंचे भूपेन्द्र सिंह हुड्‍डा ने कहा कि मुख्‍यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू अ‍पने पद पर बने रहेंगे। वहीं, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नहीं है। 
 
तालमेल के लिए गठित होगी कमेटी : हुड्‍डा ने कहा कि राज्यसभा के चुनाव में पार्टी को सीट खोने का अफसोस है। पार्टी विधायकों से बात की गई है और इसे लेकर आपस में एक सहमति बनी है। सरकार और संगठन के बीच तालमेल बनाए रखने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। मुख्‍यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के अलावा कमेटी में कुल छह सदस्य रहेंगे, जो संगठन और सरकार के बीच सहमति बनाने का काम करेंगे। 
बागियों के निष्कासन में जल्दबाजी : कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने कहा कि बागी विधायकों के निष्‍कासन में जल्‍दबाजी हुई है। इससे कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव नहीं जीत पाने का दुख है और लोकसभा चुनाव के लिए ज्यादा मेहनत करेंगे। संगठन और सरकार के बीच तालमेल बना रहेगा। 
 
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि  हमारे 6 विधायकों ने गलती की है, लेकिन यदि वे वापस लौटना चाहते हैं तो उनका स्वागत है।  
‍स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में : पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि हिमाचल में भाजपा ने सरकार को अस्थिर करने के लिए धनबल, सत्ताबल और बाहुबल का जो खेल शुरू किया था, वह उसमें विफल रही है। रमेश ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेतृत्व के हस्तक्षेप और पर्यवेक्षकों की तत्परता के बाद वहां स्थिति पूरी तरह कांग्रेस के नियंत्रण में है।
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एकमात्र सीट पर हुए मतदान में कांग्रेस के छह विधायकों द्वारा 'क्रॉस वोटिंग' किए जाने के बाद भाजपा ने सीट पर जीत हासिल की थी और उसके बाद से राज्य में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। विधायकों ने सदन में वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी व्हिप का उल्लंघन किया था।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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