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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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सुखविंदर... यानी हाई पि‍च और एनर्जी, इस सिंगर को लोग जालन्धरिया भी कहते हैं

सुखविंदर... यानी हाई पि‍च और एनर्जी, इस सिंगर को लोग जालन्धरिया भी कहते हैं
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नवीन रांगियाल

छैंया छैंया हो या जय हो। तू रमता जोगी हो या जोगि‍या हो। संगीत में हाई पि‍च गानों का जिक्र हो या एनर्जी का, एक ही नाम याद आता है सुखविंदर सिंह।

बॉलीवुड में सबसे ज्‍यादा रेंज वाली आवाज सिर्फ सुखविंदर की। एक समय था जब सुखविंदर के गानों ने धूम मचा रखी थी। आज भी इन गानों की रि‍दम कानों में गूंजती है।

18 जुलाई को सुखविंदर का जन्‍मदिन है। आइए जानते हैं उनके संगीत के सफर के बारे में कुछ दि‍लचस्‍प बातें।

सुखविंदर ने न सि‍र्फ हिंदी फि‍ल्‍मों में एक से बढकर एक गाने गाए बल्‍क‍ि पंजाबी गानों में भी उन्‍होंने बराबर अपना नाम किया।

सुखविंदर को अवार्ड से ज्यादा रिव्यू पसंद है। वे चाहते हैं कि लोग उनके गानों पर अपने रिव्यू दें। सुखविंदर सिंह को बॉलीवुड में पार्श्वगायन के लिए जाना जाता है। उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था। जब वे मात्र 8 साल के थे तब उन्होंने पहली बार स्टेज परफॉर्मेंस दी थी।

उन्‍होंने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत छैंया छैंया गाने से की थी। इस गाने ने घर-घर में धूम मचा दी थी। शाहरुख और मलाइका को भी इस गाने ने बेहद लोकप्रि‍य बना दि‍या। उन्हें इस गाने के लिए 1999 फिल्म फेयर पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ प्लेबैक सिंगर का अवार्ड भी मिला है।

उन्‍होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, उन्हें अवार्ड की ट्राफी अच्छी लगती हैं, लेकिन उससे ज्यादा उन्हें टॉफी खाना भी पसंद है

सुखविंदर सिंह का जन्म पंजाब के अमृतसर में 18 जुलाई 1971 में हुआ, लेकिन जालंधर में एजुकेशन लेने के कारण उन्हें लोग जलान्धरिया के नाम से जानने लगे थे। उनका मानना है अमृतसर मेरी जन्मभूमि है और जालंधर मेरी कर्मभूमि है। इसलिए लोग उन्‍हें पंजाब के साथ ही मुंबई में जालन्धरिया भी कहते हैं।

13 साल की उम्र में सुखविंदर सिंह ने सिंगर मलकीत सिंह के लिए तूतक तूतक तूतीया कंपोज किया था। सिंगिंग के अलावा उन्होंने 10 बॉलीवुड मूवी में बतौर म्यूजिक डायरेक्टर काम किया है। साल 2014 में उन्होंने झलक दिखला जा 7 में भाग लिया था। सुखविंदर सिंह अपनी जादुई आवाज के लिए मशहूर हैं। स्‍लमडॉग मि‍लेनि‍यर का ‘जय हो’ गाना अंतराष्‍ट्रीय स्‍तर पर लोकप्रिय हुआ। इस गाने को ऑस्कर मिला। हालांकि ऑस्कर समारोह से वो नदारद थे इसे लेकर उस वक्त काफी सवाल भी उठे थे।

हिंदी फिल्मों में उनका पहला गाना ‘आजा सनम’ हिट नहीं हो सका। फिर ‘दिल से’ में उन्होंने एआर रहमान के लिए ‘छैंया छैंया’ गाया। इसके बाद ताल, बीवी नंबर वन, 1947 धरती, दाग, जानवर, दिल्लगी, मोक्ष, तक्षक, तेरे नाम, अपना सपना मनी मनी, शादी से पहले, चक दे! और ओम शांति ओम जैसे फिल्मों में उनके गानों ने खूब धूम मचाई।

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