Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

सोनम वांगचुक समेत 20 समर्थक हिरासत में, जलवायु कार्यकर्ताओं ने की यह मांग

Sonam Wangchuk

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , रविवार, 13 अक्टूबर 2024 (19:38 IST)
Sonam Wangchuk News : दिल्ली पुलिस ने रविवार को यहां लद्दाख भवन के बाहर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में 6 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे करीब 20 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह हमारे लोकतंत्र पर एक धब्बा है और अदालतों को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए। 
 
एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को मंदिर मार्ग पुलिस थाना ले जाया गया है। पुलिस ने इससे पहले कहा था कि हिरासत में लिए गए लोगों में सोनम वांगचुक भी शामिल है लेकिन बाद में नई दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि हिरासत में लिए गए लोगों में जलवायु कार्यकर्ता शामिल नहीं हैं।
पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) देवेश महाला ने कहा, हमने कुछ छात्रों को लद्दाख भवन के बाहर से हिरासत में लिया है। सोनम वांगचुक उनमें शामिल नहीं हैं। इस बीच, वांगचुक ने एक वीडियो संदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस ने उनके कई समर्थकों को हिरासत में ले लिया है।
 
उन्होंने साथ ही सवाल किया कि बिना मंजूरी एक स्थान पर जमा होने से रोकने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-163 क्यों स्थाई रूप से नई दिल्ली क्षेत्र में लागू है? वांगचुक ने संदेश में कहा, कई लोग आज सुबह शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल होने आए थे। यह वास्तव में दुखी करने वाला है कि उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यह दुखी करने वाला है क्योंकि यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में हुआ है, हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी नहीं कर सकते।
वांगचुक ने कहा, हमें बताया गया है कि धारा 163 लागू कर दी गई है। यह दुखद है कि लोकतंत्र की जननी पर पूरे साल इस तरह की पाबंदी लगी रहती है। यह धारा आमतौर पर अस्थाई तौर पर तभी लागू की जाती है जब कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका हो।
 
उन्होंने कहा, यह हमारे लोकतंत्र पर एक धब्बा है और अदालतों को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए। ऐसी धाराओं को स्थाई रूप से कैसे लागू किया जा सकता है? रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जलवायु कार्यकर्ता ने लोगों को हिरासत में लिए जाने का वीडियो अपने सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम पर भी साझा किया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों के पास लद्दाख भवन के बाहर बैठने की अनुमति नहीं है। अधिकारी ने कहा, उन्होंने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने के लिए अर्जी दी है। उनकी अर्जी पर विचार किया जा रहा है। उन्हें किसी और स्थान पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है। हमने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है जिन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।
 
वांगचुक लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर अपने समर्थकों के साथ लेह से दिल्ली आए हैं। उन्हें दिल्ली पुलिस ने 30 सितंबर को राजधानी के सिंघु बॉर्डर पर हिरासत में ले लिया था और दो अक्टूबर की रात को रिहा किया था।
 
वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित शीर्ष नेताओं से मुलाकात करने की मांग कर रहे हैं। संविधान की छठी अनुसूची में पूर्वोत्तर राज्यों- असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम के आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन के विशेष प्रावधान हैं।
उनके अनुसार स्वायत्त परिषदों की स्थापना की जाती है जिनके पास इन क्षेत्रों पर स्वतंत्र रूप से शासन करने के लिए विधायी, न्यायिक, कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां हैं। प्रदर्शनकारी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, उसके लिए लोक सेवा आयोग तथा लेह और करगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की भी मांग कर रहे हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

जम्मू-कश्मीर की हालत दिल्ली जैसी, राज्य चलाने में कोई परेशानी हो तो मुझसे पूछ ले, उमर अब्दुल्ला से बोले केजरीवाल