Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

बर्फबारी ने एलओसी पर भयंकर तबाही मचाई, कई स्थानों पर तारबंदी टूटी

बर्फबारी ने एलओसी पर भयंकर तबाही मचाई, कई स्थानों पर तारबंदी टूटी

सुरेश एस डुग्गर

, बुधवार, 4 दिसंबर 2019 (20:36 IST)
जम्मू। कश्मीर के पहाड़ों पर हो रही जबरदस्त बर्फबारी ने एलओसी के इलाकों में भयानक तबाही मचाई है। खासकर सैन्य प्रतिष्ठान और सैनिक इसके शिकार हो रहे हैं। घुसपैठियों को रोकने की खातिर लगाई गई तारबंदी भी कई स्थानों पर ढह गई है जिस कारण सेना को मौसम की भयानक परिस्थितियों में चौकसी और सतर्कता को बढ़ाना पड़ा है।
बर्फबारी ने उस तारबंदी को बुरी तरह से कई इलाकों में क्षतिग्रस्त कर दिया है जो पाकिस्तानी क्षेत्र से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए लगाई गई थी। हालांकि यह कोई पहला अवसर नहीं था जब तारबंदी को बर्फबारी ने क्षति पहुंचाई हो बल्कि हर साल होने वाली बर्फबारी तारबंदी को नुक्सान पहुंचाती है और फिर सेना के जवान उसे नए सिरे से खड़ा करते हैं।
 
सेना प्रवक्ता का कहना था कि फिलहाल इसके प्रति अंदाजा लगाना कठिन है कि तारबंदी के कितने किमी के हिस्से को क्षति पहुंची है क्योंकि एलओसी के ऊंचाई वाले इलाकों में फिलहाल बर्फबारी रूकी नहीं थी तथा वहां तक सेना के जवान पहुंचने में कामयाब नहीं हुए थे।
 
इतना जरूर था कि बर्फबारी के कारण क्षतिग्रस्त हुई तारबंदी सेना के लिए मुसीबत इसलिए बन गई है क्योंकि हर बार उसका यह अनुभव रहा है कि आतंकी टूटी हुई तारबंदी का सहारा लेकर घुसने की कोशिश करते रहते हैं। यही कारण है कि तारबंदी के क्षतिग्रस्त होने के बाद सेना को एलओसी पर चौकसी तथा सतर्कता को और बढ़ाना पड़ा है क्योंकि पूर्व में भी पाक सेना इन्हीं परिस्थितियों का लाभ उठाने की कोशिश करती रही है।
 
webdunia
भारी बर्फबारी के बावजूद सेना एलओसी की उन पोस्टों से अपने जवानों को हटाने को तैयार नहीं थी जो 10-15 फुट बर्फ के नीचे दब गई हैं। रक्षा प्रवक्ता कहते थे कि असल में तारबंदी भी बर्फ के नीचे दफन हो गई है और इन पोस्टों से सैनिकों को हटा लिए जाने का मतलब साफ होता कि घुसपैठियों को कश्मीर की एलओसी पर दूसरा करगिल प्रकरण तैयार करने का मौका प्रदान करना।
 
इसे भूला नहीं जा सकता कि तारबंदी पाक सेना के लिए परेशानी का सबब इसलिए बन चुकी है क्योंकि इसने आतंकियों के कदमों को रोक दिया है। यही कारण है कि पकड़े गए आतंकी पूछताछ के दौरान रहस्योदघाटन करते हैं कि उस पार प्रशिक्षण शिविरों में गोला-बारूद दागने के अतिरिक्त तारबंदी को फांदने और उसे काटने के तरीके भी सिखाए जाते हैं। मारे गए आतंकियों के कब्जे से ऐसे औजार अक्सर बरामद किए गए हैं जो तारबंदी को काटने में काम आते हैं। इसे आधिकारिक तौर पर माना जा रहा है कि आतंकी कई बार तारबंदी को काट घुसपैठ करने में कामयाब हुए हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

दक्षिण एशियाई खेलों में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के 8 पदक पक्के हुए