मुंबई। शिवसेना ने मनमोहन सिंह पर निशाना साधने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए सोमवार को कहा कि वे दूसरों के बाथरूम में ताकझांक करना बंद करें, अपने पद की गरिमा बनाए रखें और विपक्षी दलों को उनकी कुंडली दिखाकर धमकी देने के बजाय अपनी सरकार पर ध्यान दें।
शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में प्रकाशित एक संपादकीय में कहा कि मोदी ने उत्तरप्रदेश में प्रचार करते हुए धमकी दी थी कि उनके पास विपक्षी दलों की कुंडली है जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा था कि सभी की कुंडली इंटरनेट पर मुफ्त में उपलब्ध है। यह एक उदाहरण है कि कितनी तेजी से प्रचार का स्तर गिर गया है।
संपादकीय में कहा गया है कि कम से कम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को इस तरह एक-दूसरे पर कीचड़ नहीं उछालना चाहिए। इस पद की काफी प्रतिष्ठा है और इस पर बैठने वाले व्यक्ति को उसकी गरिमा बनाई रखनी चाहिए।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ दिए गए मोदी के 'रेनकोट' वाले बयान और फिर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का इस पर दिए गए जवाब का जिक्र करते हुए संपादकीय में कहा गया है कि अब उत्तरप्रदेश चुनाव में होने के लिए क्या होगा, लेकिन प्रधानमंत्री को दिल्ली पर और मुख्यमंत्रियों को अपने राज्यों पर ध्यान देना चाहिए। किसी भी व्यक्ति को दूसरे के बाथरूम में नहीं झांकना चाहिए और इससे बचना चाहिए।
भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना ने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों द्वारा विपक्षी दलों को धमकाने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करना 'राजनीतिक भ्रष्टाचार' है। संपादकीय में कहा गया है कि लेकिन ये सब चीजें खुले तौर पर चल रही हैं। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री प्रचार करते हुए धमकी दे रहे हैं, चुनौती दे रहे हैं, घोषणाएं और वादे कर रहे हैं। कानून के किस नियम के तहत वे ऐसा कर सकते हैं?
इसमें कहा गया है कि आपके पास विपक्ष की कुंडली है, क्योंकि आप सत्ता में हो। उनकी 'कुंडलियों' को हटाकर आप अपनी सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं। आपको इस काम के लिए नहीं चुना गया। जब आप सत्ता से हटेंगे तो आपकी भी कुंडली आपके उत्तराधिकारियों के पास उपलब्ध होगी।
अखिलेश यादव पर मोदी के बयान पर शिवसेना ने कहा कि अगर उत्तरप्रदेश में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समस्या है और महिलाएं असुरक्षित हैं तो राज्य से निर्वाचित भाजपा के सांसद इस बारे में क्या कर रहे हैं? (भाषा)