नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेसी नेता शशि थरूर को उनकी पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आरोपी के तौर पर समन जारी किया है और सात जुलाई को उसके समक्ष पेश होने के लिए कहा है। अदालत ने कहा कि मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार है।
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटिन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने पुष्कर के प्रति थरूर द्वारा की गई कथित क्रूरता और खुदकुशी के लिए उकसाने के आरोपों को संज्ञान में लिया। न्यायाधीश ने कहा कि मैंने अभियोजन को सुना है। मैंने आरोप-पत्र देखा है और उसके साथ लगे दस्तावेजों का भी अध्ययन किया है।
पुलिस रिपोर्ट (आरोप पत्र) के आधार पर मैं कथित तौर पर डॉ. शशि थरूर द्वारा दिवंगत सुनंदा पुष्कर को खुदकुशी के लिए उकसाने और उनके प्रति क्रूरता के अपराध को संज्ञान में लेता हूं। अदालत ने कहा कि शशि थरूर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 और 498 ए के तहत कार्रवाई के लिए पर्याप्त आधार हैं।
सात जुलाई को पेशी के लिए उन्हें समन जारी किया जाए। थरूर के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने अदालत के आदेश देने के फौरन बाद संवाददाताओं से कहा कि उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है और अभियोजन का मामला बेतुका और विसंगतिपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि हम आरोप पत्र और दस्तावेजों की मांग करेंगे जिस पर अभियोजन का मामला टिका है। उन्हें देखने के बाद हम आगे की कार्रवाई पर फैसला करेंगे। थरूर कानून के तहत उपलब्ध सभी उपायों का इस्तेमाल करेंगे। पाहवा ने कहा कि कोई मामला नहीं बनता है और अभियोजन का मामला बेतुका तथा विसंगतिपूर्ण है और यह उच्चतम न्यायालय के विभिन्न फैसलों का विरोधाभासी भी है। हम इससे निपटने के लिए उचित कदम उठाएंगे। (भाषा)