मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने गुरुवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ उनकी हाल में हुई मुलाकात में इस बात पर जोर दिया गया कि महा विकास अघाडी (एमवीए) के विकास कार्यक्रमों में कैसे तेज़ी लाई जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुलाकात का इसके अलावा कोई और अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।
पवार ने कहा, किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर चर्चा नहीं की गई। हमारा दृष्टिकोण है कि निर्णय तेजी से लेने की जरूरत है। मुख्यमंत्री के साथ मेरी मुलाकात इस बात पर विमर्श करने के लिए हुई थी कि राज्य सरकार के विकास कार्यक्रमों को कैसे गति दी जाए। कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई।
राकांपा नेता ने राजनीतिक गलियारों में सत्तारूढ़ गठबंधन में मतभेदों के कयासों के बीच दो दिन पहले ठाकरे से मुलाकात की थी। उनकी पार्टी शिवसेना नीत महा विकास अघाडी सरकार में प्रमुख घटक है। गठबंधन में शिवसेना, राकांपा के अलावा कांग्रेस भी शामिल है।
अस्सी वर्षीय पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने इन अटकलों पर सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया कि राकांपा पर एमवीए से हटने का दबाव है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पवार परिवार से संबंधित कई कंपनियों को नोटिस दिया है। उन्होंने कहा, यह सवाल यहां प्रासंगिक नहीं है।
पवार कोल्हापुर में डीवाई पाटिल कृषि विश्वविद्यालय का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करने के बाद बात कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के बारे में पूछने पर पवार ने कहा कि एमवीए सहयोगी कांग्रेस द्वारा सुझाए गए उम्मीदवार को लेकर चर्चा करेंगे और फैसला करेंगे।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, जब एमवीए सरकार बनी थी तो विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस के पास गया था। कांग्रेस जो भी उम्मीदवार का नाम बताएगी, उसे सभी सहयोगी दलों को चर्चा के बाद अंतिम रूप देना चाहिए।
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने फरवरी में विधानसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, क्योंकि उन्हें प्रदेश कांग्रेस का प्रमुख नियुक्त किया गया था। पवार ने कहा कि केंद्र को उत्तर भारत के उन किसानों के साथ बातचीत करनी चाहिए जो पिछले सात महीने से नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। राकांपा नेता ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार राज्य में लागू होने से पहले केंद्र द्वारा पिछले साल बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों में संशोधन का समर्थन करती है।
उन्होंने कहा, इस दिशा में बातचीत शुरू हो गई है। राजस्व मंत्री बालासाहेब थोराट की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की उप समिति इस पर विचार कर रही है। मुझे नहीं पता है कि सोमवार (पांच जुलाई) से शुरू होने वाले राज्य विधानमंडल के दो दिवसीय मानसून सत्र में संशोधन पेश किए जाएंगे या नहीं।(भाषा)