Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

सर्दियों में वायु प्रदूषण का शि‍कार हो रहे ये पूर्वी राज्य: अध्ययन

Webdunia
गुरुवार, 13 जनवरी 2022 (12:23 IST)
नई दिल्ली, सर्दियों के दौरान भारत के पूर्वी राज्य- बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा बढ़ते हुए वायु प्रदूषण की चपेट में आ रहे हैं, सेंटर फॉर साइंस ऐंड एन्वायरमेंट (सीएसई) के क्षेत्रीय प्रदूषण प्रवृत्तियों के एक नये विश्लेषण में यह बात सामने आई है।

अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि नवंबर की शुरुआत में उत्तर भारत को अपनी आगोश में लेने वाला शीतकालीन स्मॉग दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत में पूर्व की ओर बढ़ना शुरू कर देता है।

सीएसई के इस अध्ययन में कहा गया है कि बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा इस दौरान ज्यादा प्रभावित होते हैं, जब तापमान न्यूनता और ठंडी एवं स्थिर परिस्थितियों में यह स्मॉग स्थानीय प्रदूषण को जकड़ लेता है, जो पहले से ही बढ़ा होता है।

अनुमिता रॉयचौधरी, कार्यकारी निदेशक, रिसर्च ऐंड एडवोकेसी, सीएसई, कहती हैं, “वर्ष 2019-2021 की अवधि के लिए वास्तविक समय वायु गुणवत्ता डेटा के विश्लेषण से पता चलता है कि प्रदूषण में गिरावट, जो वर्ष 2020 में महामारी के कठिन लॉकडाउन चरणों से प्रेरित थी, 2021 में पहले से ही बढ़े हुए स्तर के साथ वापस उछाल का संकेत दे रही है।

लेकिन, कई मामलों में, प्रदूषण स्तर अभी भी 2019 से नीचे हैं। यह अध्ययन, इस क्षेत्र में प्रदूषण की इस प्रवृत्ति को रोकने के लिए सभी क्षेत्रों में कार्रवाई को बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

अर्बन डेटा एनालिटिक्स लैब, सीएसई के प्रोग्राम मैनेजर अविकल सोमवंशी कहते हैं, “भले ही इन राज्यों में वायु गुणवत्ता पर अधिक अद्यतित और वास्तविक समय वायु गुणवत्ता निगरानी का विस्तार शुरू हो गया है, लेकिन अनुपलब्ध डेटा को लेकर गंभीर चिंताएं भी हैं, जो समुचित जोखिम मूल्यांकन को मुश्किल बनाती है।

बिहार और ओडिशा के कुछ स्टेशनों में डेटा उपलब्धता इतनी कम है कि सही प्रवृत्तियों का आकलन नहीं किया जा सकता। डेटा का गुणवत्ता नियंत्रण आवश्यक है।”

वास्तविक समय में प्रदूषण डेटा का यह नया विश्लेषण सीएसई की अर्बन डेटा एनालिटिक्स लैब की वायु गुणवत्ता ट्रैकर पहल का एक हिस्सा है।

इस नये विश्लेषण का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में प्रदूषण की प्रवृत्ति और परिमाण को समझना है, जहां वास्तविक समय में वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली उपलब्ध है।

यह 01 जनवरी, 2019 से 04 जनवरी, 2022 की अवधि के लिए PM 2.5 सांद्रता में वार्षिक और मौसमी रुझानों का आकलन है।

यह विश्लेषण वर्तमान कार्यशील वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों से उपलब्ध वास्तविक समय के आंकड़ों पर आधारित है। इस विश्लेषण के लिए यूएसईपीए (यूनाइटेड स्टेट्स एन्वायरनमेंट प्रोटेक्शन एजेंसी) की पद्धति के आधार पर बड़ी मात्रा में डेटा बिंदुओं को जोड़ा गया है और डेटा अंतराल को कम करने का प्रयास किया गया है।
इस विश्लेषण में तीन राज्यों के 12 शहरों में फैले 29 निरंतर परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों को शामिल किया गया है।

इनमें पश्चिम बंगाल - कोलकाता में सात स्टेशन, हावड़ा में तीन स्टेशन, और आसनसोल, सिलीगुड़ी, दुर्गापुर, हल्दिया में एक-एक स्टेशन; बिहार - पटना में छह स्टेशन, गया में तीन स्टेशन, मुजफ्फरपुर में तीन स्टेशन और हाजीपुर में एक स्टेशन; ओडिशा - तालचेर और ब्रजराजनगर में एक-एक रीयल टाइम स्टेशन शामिल हैं।

सीएसई के वक्तव्य के अनुसार, इन राज्यों के कुछ अन्य शहरों में अधिक रीयल टाइम मॉनिटर हैं, लेकिन डेटा अंतराल और गुणवत्ता डेटा की कमी के कारण उन पर विचार नहीं किया जा सका है। इसके अलावा, कई मामलों में रियल टाइम मॉनिटर हाल ही में स्थापित किए गए हैं।

इसलिए दीर्घकालिक डेटा उपलब्ध नहीं है। बिहार के कई शहरों को जुलाई और नवंबर 2021 के बीच अपने रियल टाइम मॉनिटर मिले हैं।

भागलपुर में दो स्टेशन और बेतिया, बिहारशरीफ, दरभंगा, मोतिहारी, अररिया, आरा, बक्सर, छपरा, कटिहार, किशनगंज, मंगुराहा, मुंगेर, पूर्णिया, राजगीर, सहरसा, सासाराम और सीवान में एक-एक स्टेशन हैं। लेकिन, इन स्टेशनों से अत्यधिक मात्रा में डेटा नहीं होने के कारण सार्थक विश्लेषण संभव नहीं हो पाया।

पश्चिम बंगाल में, दुर्गापुर और हल्दिया में रीयल टाइम मॉनिटर वर्ष 2020 के अंत में ही चालू हुए थे, जो इन शहरों के लिए दीर्घकालिक प्रवृत्ति विश्लेषण करने की संभावना को सीमित करता है।

ओडिशा में वास्तविक समय की निगरानी बहुत सीमित है। इसलिए, डेटा मध्यम और छोटे शहरों में वायु गुणवत्ता की वर्तमान स्थिति और सूक्ष्म कण प्रदूषण में मौसमी बदलाव के संकेतों को दर्शाता है। (इंडिया साइंस वायर)

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Russia Ukraine War भयानक स्थिति में, ICBM से मचेगी तबाही, पुतिन के दांव से पस्त जेलेंस्की

IAS Saumya Jha कौन हैं, जिन्होंने बताई नरेश मीणा 'थप्पड़कांड' की हकीकत, टीना टाबी से क्यों हो रही है तुलना

जानिए 52 करोड़ में क्यों बिका दीवार पर डक्ट-टेप से चिपका केला, यह है वजह

C वोटर के एग्जिट पोल में महाराष्ट्र में किसने मारी बाजी, क्या फिर महायुति की सरकार

Russia-Ukraine war : ICBM हमले पर चुप रहो, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही रूसी प्रवक्ता को आया पुतिन का फोन

सभी देखें

नवीनतम

चुनाव रिजल्‍ट के एक दिन पहले सीएम हेमंत सोरेन के सिर में पत्‍नी कल्‍पना ने की चंपी, तस्‍वीरें हुईं वायरल

राहुल गांधी बोले, वायु प्रदूषण नेशनल इमरजेंसी, बर्बाद कर रही है जिंदगी

LIVE: आसाराम की याचिका पर SC ने गुजरात सरकार से मांगा जवाब

पनडुब्बी से टकराया मछली पकड़ने वाला जहाज, नौसेना ने बचाई 11 की जान

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

આગળનો લેખ
Show comments