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आरबीआई ने साफ की स्थिति, 10 रुपए के सभी सिक्के हैं मान्य

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रविवार, 9 अप्रैल 2017 (23:15 IST)
नई दिल्ली। नोट बंदी के बाद देश में नोटों और सिक्कों को लेकर कई प्रकार की अफवाहें फैलीं। 10 के सिक्कों को लेकर भी जनता में भ्रम की स्थिति रही। देश में कई जगहों पर दुकानदारों द्वारा 10 के सिक्के नहीं लेने की खबरें सामने आने लगीं। दस रुपए के विभिन्न प्रकार के सिक्कों पर जनता के बीच भ्रम की स्थिति को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि कोई भी सिक्का अमान्य नहीं है और सभी सिक्के चलन में हैं। यह समय-समय पर जारी किए गए अलग-अलग डिजाइनों के सिक्के हैं।
 
बैंक का कहना है कि शेरावाली की फोटो वाला सिक्का, संसद की तस्वीर वाला सिक्का, बीच में संख्या में '10' लिखा हुआ सिक्का, होमी भाभा की तस्वीर वाला सिक्का, महात्मा गांधी की तस्वीर वाला सिक्का सहित अन्य सभी सिक्के मान्य हैं। केंद्रीय बैंक के अनुसार इन सिक्कों को विभिन्न विशेष मौकों पर जारी किया गया है।
 
उल्लेखनीय है कि 10 रुपए के सिक्कों के लेन-देन को लेकर लोगों के बीच विवाद हो रहा था। लोगों का कहना था कि कि दस पत्ती वाला वही सिक्का मान्य है जिसमें 10 का अंक नीचे की तरफ लिखा है और दूसरी तरफ शेर का अशोक स्तंभ अंकित है। 
 
केंद्रीय बैंक के एक अधिकारी ने इस संबंध में स्पष्ट किया गया कि दस रुपए के सभी सिक्के वैध हैं। कॉर्पोरेट मामलों के वकील शुजा ज़मीर ने कहा कि 'भारत की वैध मुद्रा को लेने से इनकार करने पर राजद्रोह का मामला बनता है और जो ऐसा करता है उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (1) के तहत मामला दर्ज हो सकता है क्योंकि मुद्रा पर भारत सरकार वचन देती है। इसको लेने से इनकार करना राजद्रोह है।' राष्ट्रीय राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में दस रुपए के सिक्कों को लेकर भ्रम की स्थिति है और कई दुकानदार और लोग इन सिक्कों को लेने से कतरा रहे हैं।
 
सबसे ज्यादा विवाद उस सिक्के पर है जिसके बीच में '10' लिखा है और इसे नकली कहा जा रहा है, लेकिन आरबीआई की ओर से एक ई-मेल में जानकारी दी गई है कि यह सिक्का 26 मार्च 2009 को जारी किया गया था।
 
आरबीआई ने कहा है कि केंद्रीय बैंक ने कई अवसरों पर आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक थीम पर सिक्के जारी किए हैं और सिक्कों में 2011 में रुपए का चिह्न शामिल करने के बाद बदलाव आया। सिक्के लंबे समय तक सही रहते हैं इसलिए यह मुमकिन है कि बाजार में अलग-अलग डिजाइन और छवि के सिक्के हों, जिनमें बिना 'रुपए' के चिह्न वाले सिक्के भी शामिल हैं। हालांकि आरबीआई ने किसी का भी लीगल टेंडर वापस नहीं लिया है और सारे सिक्के वैध हैं। (भाषा)

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