Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेंगे 50 देशों के प्रतिनिधि : चंपत राय

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भाग लेंगे 50 देशों के प्रतिनिधि : चंपत राय

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

अयोध्या , सोमवार, 15 जनवरी 2024 (19:46 IST)
  • समारोह में 50 देशों के 53 प्रतिनिधि होंगे शामिल
  • देशभर के प्रसिद्ध वाद्य यंत्रों का होगा वादन 
  • 23 जनवरी से आम श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
Representatives from 50 countries will attend the ceremony : अयोध्या में 22 जनवरी को बहुप्रतीक्षित भव्य राम मंदिर में होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में 50 देशों के 53 प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को बताया, अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में हमने दुनिया के 50 देशों से एक-एक व्यक्ति को श्री रामलला के दर्शन के लिए आमंत्रित किया है।

एक देश एक रिप्रजेंटेटिव के आधार पर ऐसे 50 देशों के 53 लोग आ रहे हैं। प्रयास रहेगा कि जो व्यक्ति जिस दिन आ गया, उसी दिन वो वापस जा सके। रात को रहने का दबाव उस पर न पड़े। उन्होंने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दौरान देशभर के विभिन्न प्रदेशों के प्रसिद्ध वाद्य यंत्रों का भी वादन होगा। इन स्वर लहरियों के बीच श्री रामलला अपने सिंहासन पर विराजमान होंगे। उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा के वादन में जितने प्रकार के वाद्य यंत्र हैं, सभी का मंदिर प्रांगण में वादन होगा।

इनमें उत्तर प्रदेश का पखावज, बांसुरी, ढोलक, कर्नाटक का वीणा, महाराष्ट्र का सुंदरी, पंजाब का अलगोजा, ओडिशा का मर्दल, मध्य प्रदेश का संतूर, मणिपुर का पुंग, असम का नगाड़ा और काली, छत्तीसगढ़ का तंबूरा, बिहार का पखावज, दिल्ली की शहनाई, राजस्थान का रावणहत्था, बंगाल का श्रीखोल, सरोद, आंध्र प्रदेश का घटम, झारखंड का सितार, गुजरात का संतार, तमिलनाडु का नागस्वरम, तविल, मृदंग और उत्तराखंड का हुड़का, ऐसे वाद्य यंत्रों का वादन करने वाले अच्छे से अच्छे वादकों का चयन किया गया है।
webdunia

ये वादन ऐसे समय में चलेगा जब प्राण-प्रतिष्ठा का मंत्रोच्चार और देश के नेतृत्व का उद्बोधन नहीं हो रहा होगा। बड़े महत्व की बात है कि ऐसे श्रेष्ठ लोग यहां स्वयं प्रेरणा से आ रहे हैं। चंपत राय ने कहा, सारे परिसर की सज्जा की जाएगी। रात को आप लोग परिसर की अलग ही आभा देख पाएंगे।

प्राण-प्रतिष्ठा पूरी होने के बाद अंदर परिसर में बैठे हुए संत महापुरुष, आमंत्रित विशिष्टजन दर्शन करने के लिए अंदर जाएंगे। प्रातः काल 10 से 10.30 बजे तक सभी को प्रवेश करना होगा। इस दौरान उनके अल्पाहार और भोजन की व्यवस्था की जाएगी।

उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस के कार्यकर्ताओं की भी तिथियां निर्धारित की गई हैं। ये कार्यकर्ता उन्हीं तिथियों के आधार पर अयोध्या आएंगे। सामान्यतः प्रतिदिन साढ़े चार हजार से 5 हजार तक कार्यकर्ता एक दिन रुकेंगे और वापस जाएंगे। ये योजना फरवरी के अंत तक ही चलेगी।
ALSO READ: Ram Mandir : अयोध्या धाम में रहेगी हाइटेक सुरक्षा, विश्व की अत्याधुनिक तकनीक से होगी लैस
जिन लोगों को निमंत्रित किया गया है उनके ठहरने की व्यवस्था कारसेवक पुरम, मणिरामदास छावनी का प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र और मणिपर्वत के बगल में तीर्थपुरम क्षेत्र में की गई है। कुछ आश्रमों, धर्मशालाओं, व्यक्तिगत होमस्टे, होटल में भी कमरे लिए गए हैं।
ALSO READ: अयोध्या में अन्य निर्माणाधीन मंदिरों को दिया जा रहा राम मंदिर का स्वरूप
राय ने बताया, 22 जनवरी को सभी गृहस्थों के और संतों के दर्शन के पश्चात हम मीडिया को एंट्री देने पर विचार कर रहे हैं। 22 के बाद 23 जनवरी से जो भी अयोध्या आएगा, उसे श्री रामलला के दर्शन मिलेंगे। प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान परिसर के अंदर यज्ञशाला में बने 9 कुंडों में देशभर की 120 वैदिक प्रक्रियाएं संपन्न होंगी। (एजेंसी)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा बनाएगी इतिहास, वीडी शर्मा ने किया दीवार लेखन अभियान का आगाज