नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने नोटबंदी पर रिजर्व बैंक को घेरते हुए कहा है कि केंद्रीय बैंक को इसकी 'सिफारिश' करने के लिए शर्म आनी चाहिए। रिजर्व बैंक की जारी 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट में नोटबंदी के बाद बैंकिंग तंत्र में वापस आए नोटों का आंकड़ा जारी करने पर चिदंबरम ने कई ट्वीट कर रिजर्व बैंक को घेरा। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक ने जो आंकड़े दिए हैं उससे यह झलकता है कि क्या नोटबंदी योजना को कालेधन को सफेद करने के लिए लाया गया था।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद केवल 16 हजार करोड़ रुपए के नोट वापस नहीं आए हैं जबकि 15.44000 करोड़ रुपए बैंकिंग तंत्र वापिस जमा कराए गए। यह राशि उस समय प्रचलन में रहे 500 और एक हजार रुपये के नोटों की कुल राशि का महज एक प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक को नोटबंदी की सिफारिश के लिए शर्म आनी चाहिए।
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी से केंद्रीय बैंक को 16 हजार करोड़ रुपए का 'लाभ' हुआ जबकि नए नोटों के मुद्रण पर 21 हजार करोड़ रुपए का 'नुकसान' रहा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी की सिफारिश करने वाले अर्थशास्त्रियों को नॉबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि कुल नोटों का 99 प्रतिशत कानूनी रूप से बदला गया। उन्होंने सवाल किया कि क्या नोटबंदी की योजना का डिजाइन इस तरीके से तैयार किया गया था कि कालेधन को सफेद धन में बदला जाए। (वार्ता)