Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

इतनी करोड़ संपत्‍त‍ि के आसामी हैं किसान नेता राकेश टि‍कैत

इतनी करोड़ संपत्‍त‍ि के आसामी हैं किसान नेता राकेश टि‍कैत
, मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021 (13:24 IST)
पिछले कुछ दिनों से राकेश टि‍कैत चर्चा में हैं। वे किसान बि‍ल के विरोध में आंदोलन कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से चल रहा आंदोलन 26 जनवरी को हिंसक हो गया और कुछ असामाजिक तत्‍वों ने लाल किले पर कब्‍जा कर इसके परिसर में एक खास पंथ का झंडा भी फहरा दिया था, जिसकी पूरे देश में जमकर आलोचना हुई।

इसके बाद आंदोलन तकरीबन खत्‍म ही हो गया था, लेकिन टि‍कैत के रोने वाले दृश्‍य से एक बार फि‍र दिल्‍ली में किसानों की भीड़ जुट गई। हालांकि कुछ किसान संगठनों ने अपने आपको इस आंदोलन से अलग भी कर लिया है। ऐसे में कौन लोग असल किसान है और कौन नहीं, इसे लेकर भी देशभर के सोशल मीडिया में बहस चल रही है।
इस मौके पर यह जानना बेहद दिलचस्‍प होगा कि आखि‍र किसान नेता राकेश टिकैत कौन हैं, उनके पास कितनी संपत्ति है और क्‍या रहा है उनका अब तक का सफर।

दरअसल, टि‍कैत कभी दिल्ली पुलिस में सब-इंस्पेक्टर हुआ करते थे, लेकिन आज वे करोड़ों रुपए की संपत्ति के मालिक हैं। राकेश टिकैत दो बार चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि उन्हें दोनों बार जीत नहीं मिली और उनकी जमानत जब्‍त हो गई थी। किसानों की राजनीति तो राकेश टिकैत को विरासत में मिली है। उनके दिवंगत पिता महेंद्र सिंह टिकैत भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष थे।

4 जून 1969 को उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर जिले के सिसौली गांव में राकेश टिकैत का जन्म हुआ था। उन्‍होंने मेरठ यूनिवर्सिटी से एमए की पढ़ाई की। इसके बाद एलएलबी कर वे वकील बन गए।

राकेश टिकैत 1992 में दिल्ली में सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थे, उस दौरान 1993-1994 में दिल्ली में महेंद्र सिंह टिकैत के नेतृत्व में किसान आंदोलन चल रहा था। चूंकि महेंद्र सिंह टिकैत राकेश टिकैत के पिता थे, इसलिए सरकार ने किसान आंदोलन खत्म करवाने के लिए उन पर दबाव डाला कि वो अपने पिता को मनाएं। फिर राकेश टिकैत ने अपना पद छोड़ दिया और किसानों के साथ खड़े हो गए।

साल 2014 के लोकसभा चुनाव में राकेश टिकैत द्वारा दिए गए शपथपत्र के अनुसार  उनकी संपत्ति की कीमत 4,25,18,038 रुपए थी। इसके अलावा राकेश टिकैत के शपथपत्र के मुताबिक  उस समय उनके पास 10 लाख रुपए कैश था।

राकेश टिकैत ने पहली बार साल 2007 में मुजफ्फरनगर की खतौली विधान सभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, जिसमें उनकी हार हो गई थी। इसके बाद राकेश टिकैत ने साल 2014 में अमरोहा जिले से राष्ट्रीय लोक दल के टिकट पर लोक सभा चुनाव लड़ा था. लेकिन वो चुनाव नहीं जीत पाए।

राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। राकेश टिकैत खुद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता हैं। राकेश टिकैत के छोटे भाई सुरेंद्र टिकैत मेरठ की एक शुगर मिल में मैनेजर हैं। वहीं सबसे छोटे भाई नरेंद्र टिकैत खेती करते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

एक्सप्लेनर: किसान-सरकार की बातचीत के रास्ते में बिछे ‘कांटे'!,समझौते की मंजिल और हुई दूर