Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

राजनाथ बोले, कोई नहीं छीन सकता आरक्षण

Webdunia
बुधवार, 18 जुलाई 2018 (14:46 IST)
नई दिल्ली। विश्व विद्यालयों और महाविद्यालयों में नियुक्तियों में आरक्षण लागू करने को लेकर विपक्ष के आरोप पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि कोई व्यक्ति या संस्था अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़े वर्गों का आरक्षण नहीं छीन सकती।
 
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पांच मार्च की एक अधिसूचना का हवाला दिया और आरोप लगाया कि सरकार विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में आरक्षण खत्म करना चाहती है।
 
यादव ने कुछ विश्वविद्यालयों में निकली रिक्तियों का भी उल्लेख किया और कहा कि सरकार को अध्यादेश जारी कर उच्च शिक्षण संस्थानों में आरक्षण को बहाल करना चाहिए। इस पर गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या संस्था आरक्षण नहीं छीन सकती। सिंह ने कहा कि इस पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय विस्तृत जवाब देगा।
 
उल्लेखनीय है कि आज सदन की कार्यवाही शुरू होने पर प्रश्नकाल के दौरान सपा सदस्य शिक्षण संस्थाओं में अनुसूचित जाति, जनजाति एव पिछड़े वर्गो के आरक्षण के प्रावधान को ठीक ढंग से लागू नहीं किए जाने का आरोप लगा रहे थे। सपा सदस्य इस विषय को उठाते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी भी कर रहे थे। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

उमर अब्दुल्ला ने PM मोदी और गृहमंत्री शाह से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा...

तगड़े फीचर्स के साथ आया Infinix का एक और सस्ता स्मार्टफोन

सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती, HC ने कहा बहुत देर हो गई, अब इजाजत नहीं

सरकार ने 2 रेल परियोजनाओं को दी मंजूरी, जानिए किन राज्‍यों को होगा फायदा, कितनी है लागत

सुप्रीम कोर्ट ने दी व्यवस्था, संपत्ति ध्वस्तीकरण से प्रभावित लोग कर सकते हैं अदालत का रुख

આગળનો લેખ
Show comments