Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कैशलेस की मुहिम में रेलवे बनी अव्वल, 98 प्रतिशत लेन-देन हुआ डिजिटल

कैशलेस की मुहिम में रेलवे बनी अव्वल, 98 प्रतिशत लेन-देन हुआ डिजिटल
नई दिल्ली , गुरुवार, 9 नवंबर 2017 (15:58 IST)
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे नकदीरहित लेन-देन के मामले में सरकार के किसी अन्य विभाग से बहुत आगे निकल गया है और उसका करीब 5 लाख करोड़ रुपए के कारोबार में लगभग 98 प्रतिशत लेन-देन डिजिटल हो गया है और नकदी का काम महज 2 फीसदी रह गया है। 
 
रेलवे बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रेलवे के राजस्व श्रेणी में करीब 3.6 लाख करोड़ रुपए और पूंजीगत श्रेणी में 1.31 लाख करोड़ रुपए के लेन-देन में से करीब 25 हजार करोड़ रुपए का ही लेन-देन नकदी के माध्यम से हो रहा है। इसे भी डिजिटल भुगतान माध्यम पर लाने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार रेलवे में गत 3 साल में सिलसिलेवार ढंग से उठाए गए कदमों से यह संभव हो पाया है। 
 
उन्होंने बताया कि रेलवे मालवहन श्रेणी में 99.8 प्रतिशत लेन-देन डिजिटल हो गया है जबकि आरक्षित श्रेणियों में बुक होने वाले टिकटों में 76 प्रतिशत से अधिक टिकट और अनारक्षित श्रेणी में करीब 10 प्रतिशत टिकट के लिए डिजिटल भुगतान होने लगा है।
 
उन्होंने वर्ष 2016-17 के आंकड़ों के हवाले से बताया कि यात्री राजस्व में 48,300 करोड़ रुपए की आय में से करीब 24,000 करोड़ रुपए नकदी आ रही है जिसे रेलवे स्थानीय स्तर पर फुटकर में होने वाले खर्चों के लिए उपयोग में ला रही है। 
 
सूत्रों ने बताया कि गत वर्ष नोटबंदी के बाद रेलवे के यात्री राजस्व में डिजिटल लेन-देन करीब 12 प्रतिशत बढ़ा है। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट से आरक्षण 62.55 प्रतिशत से बढ़कर 76 प्रतिशत से ज्यादा हो गया है यानी इसमें 14 फीसदी का इजाफा हुआ है। 
 
सूत्रों ने बताया कि रेलवे ने 1 साल के दौरान देशभर के टिकट एवं आरक्षण काउंटरों पर 10 हजार पीओएस लगाए हैं। अब रेलवे ने अनारक्षित एवं उपनगरीय टिकट राजस्व को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने के उद्देश्य से काम करने का निर्णय लिया है। उत्तर रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर आरक्षण खिड़कियों एवं अनारक्षित टिकट खिड़कियों पर 'भीम ऐप' से भुगतान की प्रणाली का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। इसकी सफलता के बाद इसे देशभर में लागू किया जाएगा। 
 
टिकट खिड़की पर मोबाइल से भुगतान करने पर भीम ऐप में आए कोड को बुकिंग क्लर्क जैसे ही पीआरएस सिस्टम में वह कोड डालेगा तो टिकट जारी होगा। ट्रेन के रद्द होने पर स्वत: ही पैसे बैंक खाते में लौट जाएंगे। इसके अलावा रूपे कार्ड को भी बढ़ावा दिया जाएगा। 
 
सूत्रों ने बताया कि रेलवे के ठेकेदारों को उनके बैंक खातों में भुगतान और शत-प्रतिशत खरीददारी डिजिटल भुगतान से करने का फैसला पहले से ही लागू हो चुका है। कुछ फुटकर पार्सल एवं लगेज बुकिंग को छोड़कर सारी माल बुकिंग डिजिटल भुगतान के माध्यम से हो रही है। वर्ष 2015-16 में 97 प्रतिशत माल बुकिंग डिजिटल भुगतान से हो रही थी, जो अब 99.8 प्रतिशत हो गई है। 
 
सूत्रों ने बताया कि रेलवे ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बुकिंग पर सेवा प्रभार को मार्च 2018 तक स्थगित किया गया है। बाद में इसे बढ़ाया भी जा सकता है। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

लोको पायलट के बगैर दौड़ा इंजन, बाइक से पीछा कर रोका