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HAL को मिलना चाहिए राफेल लड़ाकू विमान बनाने का कांट्रेक्ट, मोदी सरकार ने कंपनी को किया बर्बाद : राहुल गांधी

HAL को मिलना चाहिए राफेल लड़ाकू विमान बनाने का कांट्रेक्ट, मोदी सरकार ने कंपनी को किया बर्बाद : राहुल गांधी
बेंगलुरु , शनिवार, 13 अक्टूबर 2018 (23:00 IST)
बेंगलुरु। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ अपना हमला तेज करते हुए एयरोस्पेस क्षेत्र की सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को नष्ट करने का शनिवार को आरोप लगाया। उन्होंने एचएएल के कर्मचारियों से कहा कि राफेल उनका अधिकार है।
 
राहुल ने एचएएल को एक सामरिक संपत्ति बताया और कहा कि देश उसका कर्जदार है। कांग्रेस अध्यक्ष ने एचएएल के मौजूदा एवं पूर्व कर्मचारियों से यहां बातचीत की और आरोप लगाया कि आधुनिक भारत के संस्थानों पर हमला किया जा रहा और उन्हें नष्ट किया जा रहा है। हम ऐसा करने की इजाजत नहीं दे सकते। राफेल आपका अधिकार है, आप 78 साल पुरानी एक कंपनी हैं।
 
राहुल ने सार्वजनिक क्षेत्र की इस कंपनी के मौजूदा एवं पूर्व कर्मचारियों से बातचीत के बाद एचएएल मुख्यालय के पास मिंस्क स्कवायर में एक कार्यक्रम में कहा कि आपके पास विमान बनाने का अनुभव है। सरकार के लिए यह कहना पूरी तरह से हास्यास्पद है कि एचएएल के पास जरूरी अनुभव नहीं है।
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राहुल ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि वे इसे गहराई से समझते हैं कि वे लोग मर्माहत हैं और यह उनके लिए किसी भ्रष्टाचार या किसी अन्य चीज की तरह ही महत्वपूर्ण है। जिन लोगों ने अपने प्राण न्योछावर किए हैं, जो लोग इस देश के लिए खड़े रहे, वे भावनात्मक रूप से परेशान महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उनका अपमान किया गया है।
 
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मैं समझता हूं कि आपको तकलीफ पहुंची है और मैं आपकी असहजता की इस स्थिति में आपके साथ खड़ा होना चाहता हूं। जिन लोगों ने बातचीत की, उनमें से ज्यादातर की यह शिकायत है कि एचएएल के पास राफेल बनाने की क्षमता है लेकिन रक्षा क्षेत्र की सरकारी कंपनी को नष्ट करने की कोशिश की जा रही और इसके कर्मचारी आहत एवं निराश महसूस कर रहे हैं।
 
राहुल ने कहा कि एचएएल ने देश के लिए शानदार काम किया है और हमारी हिफाजत करने तथा एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण देने के लिए देश इसका कर्जदार है। एचएएल एयरोस्पेस के क्षेत्र में एक सामरिक संपत्ति है और यह कोई साधारण कंपनी नहीं है। कार्यक्रम के बाद राहुल ने कहा कि रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण एचएएल के पास अनुभव की कमी के बारे में बात करती हैं, लेकिन क्या उन्होंने अनिल अंबानी के अनुभव के अभाव के बारे में कुछ कहा है कि जिन्होंने अपने जीवन में कभी एक विमान तक नहीं बनाया है।
 
उन्होंने कहा कि एचएएल का कोई कर्ज नहीं है जबकि उन पर (अनिल अंबानी) 45,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। एचएएल 78 साल से काम कर रही है, वहीं उनकी (अनिल अंबानी की) कंपनी 12 दिन पुरानी है इसलिए उन्होंने (सीतारमण ने) उस व्यक्ति के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की जिसे अनुबंध मिला है। उन्हें एचएएल के अनुभव के बारे में बोलना होगा।
 
राहुल ने यह जानना चाहा कि इन विमानों का ऑर्डर एचएएल से क्यों छीन लिया गया जबकि इसके पास हर अनुभव था। उसे काम क्यों नहीं दिया गया? अनिल अंबानी द्वारा एचएएल को क्यों नष्ट कराया जा रहा है? कर्मचारी इस बात को लेकर आहत महसूस कर रहे हैं कि 78 साल की उनकी कड़ी मेहनत, देशभक्ति के बावजूद उन्हें अपमानित किया गया, इसलिए पहली चीज यह है कि वे एचएएल को अपमानित करने को लेकर रक्षामंत्री द्वारा माफी मांगे जाने की उम्मीद करते हैं। हम समझते हैं कि रक्षामंत्री माफी मांगने नहीं जा रही हैं।
 
उन्होंने कहा कि एचएएल भारत के आधुनिक संस्थानों में एक है और इसे भ्रष्टाचार के लिए नष्ट किया जा रहा है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अनिल अंबानी की मदद कर रहे हैं। उन्होंने एचएएल में हुई बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि हर एक व्यक्ति ने यह स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके पास अनुभव है। उनके पास समझ है और मि. अनिल अंबानी के पास इसकी समझ नहीं है। हम यहां उन लोगों की हिफाजत करने के लिए हैं, जो राष्ट्र की रक्षा कर रहे हैं। सरकार से हमें एचएएल को बचाना होगा।
 
 
गौरतलब है कि राहुल की बातचीत से पहले एचएएल ने शुक्रवार को अपने कर्मचारियों को उनके दायित्वों की याद दिलाते हुए एक आंतरिक संदेश जारी किया था, वहीं एचएएल कर्मचारी संघ ने कहा कि कर्मचारियों से बातचीत की इजाजत मांगी गई थी लेकिन उन्होंने हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया, क्योंकि उनका संगठन गैरराजनीतिक है।


कर्मचारी संघ के महासचिव एस. चन्द्रशेखर ने कहा कि उन्हें कांग्रेस कार्यालय से एक पत्र मिला, लेकिन हम सरकारी कर्मचारी होने के चलते एक राजनीतिक दल के साथ नहीं जा सकते। हमारा संगठन एक स्वतंत्र संगठन है। हम किसी राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं हैं।
 
 
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दिनेश गुंडुराव ने कहा कि चर्चा का आयोजन कांग्रेस ने नहीं किया था बल्कि कुछ पूर्व कर्मचारियों सहित कुछ लोगों ने किया था, जो एचएएल के नाम को नष्ट करने के सरकार के कदम से दुखी हैं। बातचीत के दौरान कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, एम. वीरप्पा मोइली, उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और कांग्रेस प्रवक्ता जयपाल रेड्डी भी उपस्थित थे।
 
 
राहुल ने राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार पर किए जा रहे अपने हमले के तहत यह बातचीत करते आरोप लगाया कि फ्रांसीसी एरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ हुए इस सौदे में अनिल अंबानी की कंपनी को प्राथमिकता देकर एचएएल की अनदेखी की गई।
 
गौरतलब है कि विपक्षी पार्टी सरकार पर इस सौदे से अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस लिमिटेड को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा रही है। कांग्रेस इस बारे में भी जवाब मांग रही है कि सरकारी कंपनी एचएएल को इस सौदे में शामिल क्यों नहीं किया गया, जैसा कि संप्रग सरकार के दौरान सौदे को अंतिम रूप दिए जाने के दौरान था।
 
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर एचएएल को अनुबंध नहीं देकर कर्नाटक के लोगों से रोजगार छीनने का आरोप लगाया है, साथ ही राहुल यह कहते आ रहे हैं कि रिलायंस डिफेंस की जगह एचएएल को चुने जाने से राज्य में काफी संख्या में युवाओं को रोजगार मिलता। (भाषा)

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