चंडीगढ़। कोविड रोधी टीके निजी अस्पतालों को 'देने' के विपक्ष के आरोपों से घिरी पंजाब सरकार ने शुक्रवार को अस्पतालों से 18 से 44 वर्ष की आयु के लोगों के लिए इस्तेमाल होने वाले टीकों का पूरा स्टॉक वापस करने का निर्देश दिया। इस बीच, केन्द्र ने भी राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है।
यह नाटकीय घटनाक्रम विपक्षी दलों शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी और भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार पर मुफ्त लगाई जाने वालीं खुराकें निजी अस्पतालों को 'बेचने' का आरोप लगाने के बाद देखने को मिला। सरकारी नोट में कहा गया है, 'निजी अस्पतालों को 18-44 वर्ष आयु वर्ग की आबादी के लिए खुराकें उपलब्ध कराने के आदेश को सही भावना से नहीं लिया गया है। लिहाजा इस आदेश को वापस लिया जाता है।'
पंजाब के कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के प्रभारी विकास गर्ग ने आदेश में कहा कि इसके अलावा, यह निर्णय लिया गया है कि निजी अस्पतालों को उनके पास उपलब्ध टीके की सभी खुराकें तुरंत वापस करनी होंगी। आदेश में कहा गया है कि निजी अस्पतालों को जब टीका निर्माताओं से प्रत्यक्ष रूप से अपनी खुराकों की आपूर्ति हो जाएगी तब उन्हें वे खुराकें भी राज्य सरकार को लौटानी होंगी, जो वे इस्तेमाल कर चुके हैं।
इससे पहले, पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के कोरोना वायरस संक्रमण रोधी टीकों को निजी अस्पतालों को देने संबंधी विपक्ष के आरोपों की जांच के आदेश दिए हैं। सिद्धू ने यह बयान तब दिया जब उनसे खासतौर पर विपक्ष के आरोपों के बारे में पूछा गया था।
उन्होंने कहा कि मुझे जो पता चला, वह मीडिया से पता चला, मैंने पहले ही जांच के आदेश दे दिए हैं और हम विधिवत जांच के आदेश देंगे। हम मामले को मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे। विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रम उनके विभाग से जुड़ा नहीं है।
सिद्धू ने कहा कि टीकारण कार्यक्रम मेरे स्वास्थ्य विभाग से जुड़ा नहीं है और इसे सीधे तौर पर मुख्य सचिव और विकास गर्ग देख रहे हैं, जो टीकाकरण अभियान के लिए राज्य के नोडल अधिकारी भी है। उन्होंने कहा कि उनका विभाग जांच, उपचार और टीका लगाने का काम करता है।
गौरतलब है कि विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने बृहस्पतिवार को राज्य की कांग्रेस सरकार पर ऊंची कीमतों पर निजी अस्पतालों को कोविड-19 टीके की खुराक बेचने का आरोप लगाया। शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने एक बयान में यहां आरोप लगाया कि राज्य में टीके की खुराक उपलब्ध नहीं हैं और आम लोगों को मुफ्त में टीके की खुराक देने के बदले उसे निजी संस्थाओं को बेचा जा रहा है।
उन्होंने दावा किया कि कोवैक्सीन टीके की खुराक राज्य को 400 रुपये में मिलती है और उसे निजी संस्थाओं को 1060 रुपए में बेचा जा रहा है। बादल ने कहा कि निजी अस्पताल लोगों से प्रत्येक खुराक के लिए 1560 रुपए ले रहे हैं।
केन्द्र ने मांगा स्पष्टीकरण : केन्द्र ने पंजाब सरकार से मीडिया में आईं उन खबरों पर स्पष्टीकरण मांगा है, जिनमें आरोप लगाया गया है कि उसने निजी अस्पतालों को कोविड-19 रोधी टीके 'बेचकर' मुनाफा कमाया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव वंदना गुरनानी ने पंजाब के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को लिखे पत्र में कहा कि प्रथम दृष्ट्या यह 'उदारीकृत मूल्य निर्धारण एवं त्वरित राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण रणनीति का स्पष्ट उल्लंघन है।
पत्र में कहा गया है कि जैसा कि आप जानते हैं कि एक मई 2021 को उदारीकृत मूल्य निर्धारण एवं त्वरित राष्ट्रीय कोविड-19 टीकाकरण रणनीति लागू की गई। रणनीति के अनुसार निजी अस्पताल टीका निर्माताओं से प्रत्यक्ष रूप से कोविड-19 टीके खरीद रहे हैं।