श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में रविवार को सीआरपीएफ के एक प्रशिक्षण केंद्र पर हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए और दो आतंकवादी मारे गए। न्यूज एजेंसी एएनआई की खबर अनुसार फिदायीन हमले में मारा गया एक आतंकी पुलिस कांस्टेबल का बेटा निकला। कश्मीर में 2003 के बाद यह पहला मौका है जब कोई स्थानीय आतंकी फिदायीन बना है। इससे सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं।
इस फिदायीन की शिनाख्त फरदीन अहमद खांडे के रूप में हुई है। जांच में पता चला है कि जैश-ए-मोहम्मद का यह आतंकी महज 17 साल का है। तीन महीने पहले ही उसने आतंकी संगठन में शामिल हुआ था। अहमद खांडे के पिता गुलाम मोहम्मद खांडे जम्मू एवं कश्मीर पुलिस में श्रीनगर में ही तैनात हैं।
गौरतलब है कि भारी मात्रा में हथियारों से लैस आतंकवादियों ने मध्य रात्रि के करीब दो घंटे बाद लाथपोरा इलाके के शिविर में प्रवेश किया और हथगोला फेंका और फिर अंधाधुंध गोलीबारी की। दोनों और से मुठभेड़ करीब 12 घंटे चली। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए।"
सुरक्षा बलों ने दावा किया था कि आतंक के राह पर नहीं जा रहे स्थानीय युवा। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि इस साल सुरक्षा बलों द्वारा ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ शुरू करने के बाद कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ने वाले युवाओं की संख्या में जबरदस्त गिरावट आयी है। उन्होंने कहा कि अभियान का मकसद केवल आतंकवादियों का सफाया ही नहीं बल्कि उन्हें वापस मुख्यधारा में लाना भी है।
मीडिया से बात करते हुए जम्मू एवं कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एसपी वैद ने 2017 में राज्य पुलिस की उपलब्धियां रेखांकित की। पुलिस प्रमुख के साथ कश्मीर जोन के महानिरीक्षक मुनीर खान और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
वैद ने कहा, ‘ऑपरेशन ऑल-आउट को लेकर यह धारणा नहीं होनी चाहिए कि हम केवल आतंकवादियों को खत्म करेंगे। यह कश्मीर में समग्र बहु आयामी रणनीति है।’ वैद ने कहा कि अभियान का एक पहलू उन लोगों की काउंसिलिंग करना भी है जो हिंसा का रास्ता छोड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम उन्हें प्रशिक्षण भी देंगे ताकि वे अपने पांव पर खड़े हो सके।’ (एजेंसी)