नई दिल्ली। विभिन्न योजनाओं के फंड को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष शासित राज्य सरकारों के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। जल्द फंड रिलिज करने की मांग करते हुए कर्नाटक और केरल की राज्य सरकारें आज दिल्ली में प्रदर्शन करने जा रही है। इसमें दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री भी हिस्सा लेंगे।
जंतर मंतर पर कर्नाटक सरकार का प्रदर्शन : सीएम सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार समेत कर्नाटक के शीर्ष कांग्रेस नेता 'चलो दिल्ली' आह्वान के तहत दिल्ली पहुंच गए हैं। आज सुबह 11 बजे कांग्रेस पार्टी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेगी। कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार की नाइंसाफी और भेदभावपूर्ण नीतियों के कारण साल 2017-18 के बाद से अब तक कर्नाटक सरकार को 1.87 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। कर्नाटक सरकार का आरोप है कि कोरोना महामारी से उपजे संकट के दौरान भी राज्य को उचित राहत नहीं मिली।
केरल सरकार भी करेगी केंद्र की नीतियों का विरोध : केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे हैं। विजयन के नेतृत्व में केरल की एलडीएफ सरकार भी आज जंतर मंतर पर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करेगी। केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल के मुताबिक, केंद्र सरकार के रवैये के कारण केरल खराब वित्तीय स्थिति से जूझ रहा है। बालगोपाल ने केंद्र पर केरल में वित्तीय कठिनाई पैदा करने के आरोप भी लगाए।
रात भर धरने पर बैठी थी बंगाल सीएम ममता बनर्जी : विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए केंद्र से पश्चिम बंगाल के बकाया की मांग को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 3 फरवरी को रातभर धरने दिया था। बनर्जी के साथ मंत्री फिरहाद हाकिम और अरूप विश्वास समेत कई नेता रात में धरना स्थल पर रुके थे। ममता बनर्जी का दावा है कि केंद्र की मोदी सरकार पर राज्य की मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना समेत विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का हजारों करोड़ रुपए बकाया है।
Edited by : Nrapendra Gupta