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प्रियंका गांधी का भाजपा पर प्रहार, बिलकिस मामले में न्याय की हुई जीत

कांग्रेस का आरोप, भाजपा सरकार का रुख अपराधियों को बचाना था

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 8 जनवरी 2024 (15:15 IST)
  • बिलकिस मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला
  • सभी आरोपियों को जाना होगा जेल
  • समय से पहले जेल से रिहा हो गए थे दोषी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बिलकिस बानो मामले के दोषियों की सजा में छूट देने के फैसले को उच्चतम न्यायालय द्वारा रद्द किए जाने के बाद सोमवार को कहा कि न्याय की जीत हुई है तथा इस निर्णय से जनता का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास और मजबूत होगा।
 
उन्होंने यह दावा भी किया कि सर्वोच्च अदालत के आदेश से भाजपा की महिला विरोधी नीतियों से पर्दा हट गया है। प्रियंका गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि अंततः न्याय की जीत हुई। उच्चतम न्यायालय ने गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बिलकिस बानो के मामले के आरोपियों की रिहाई रद्द कर दी है।
 
कांग्रेस महासचिव ने यह भी कहा कि इस आदेश के बाद जनता का न्याय व्यवस्था के प्रति विश्वास और मजबूत होगा। बहादुरी के साथ अपनी लड़ाई को जारी रखने के लिए बिलकिस बानो को बधाई।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में 2002 के दंगों के दौरान बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में 11 दोषियों को सजा से छूट देने के राज्य सरकार के फैसले को सोमवार को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि आदेश ‘घिसा पिटा’ था और इसे बिना सोचे-समझे पारित किया गया था।
 
न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने दोषियों को दो सप्ताह के अंदर जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश भी दिया।
 
कांग्रेस का भाजपा सरकार पर हमला : बिलकीस बानो मामले में कोर्ट के आदेश के बाद कांग्रेस ने सोमवार को आरोप लगाया कि गुजरात की भाजपा सरकार का रुख पीड़िता के लिए न्याय सुनिश्चित करने के बजाय अपराधियों को बचाना था।
 
मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता आनंद याग्निक ने कहा कि गुजरात सरकार का निर्णय (दोषियों को छूट देने का) कानून के अनुरूप नहीं था, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि यह कुछ 'सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक दबाव' के तहत लिया गया था। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले से कानून का शासन कायम हुआ है।
 
क्या है पूरा मामला : गोधरा में 2002 में हुई ट्रेन अग्निकांड के बाद भड़के सांप्रदायिक दंगों के दौरान बिलकिस बानो 21 साल की थीं और 5 महीने की गर्भवती थीं। उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनकी तीन साल की बेटी सहित परिवार के 7 लोगों की हत्या कर दी गई थी। गुजरात सरकार ने इस मामले के सभी 11 दोषियों को सजा में छूट देकर 15 अगस्त, 2022 को रिहा कर दिया था। (भाषा/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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