Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कसेगी कालेधन पर नकेल, मोदी ने किया यह समझौता

कसेगी कालेधन पर नकेल, मोदी ने किया यह समझौता
, गुरुवार, 31 अगस्त 2017 (21:50 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और स्विट्‍जरलैंड की राष्ट्रपति डोरिस लिउथार्ड के बीच बातचीत के दौरान दोनों देशों ने कालाधन और कर चोरी से प्रभावी ढंग से निपटने के रास्तों के बारे में चर्चा की और स्विट्‍जरलैंड ने इन समस्याओं से निपटने में भारत को मदद देने की ठोस प्रतिबद्धता व्यक्त की।
 
प्रधानमंत्री ने मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था के सदस्य बनने में मदद देने और परमाणु आपूर्तिकर्ता  समूह की सदस्यता के लिए भारत के प्रयासों का लगातार समर्थन देने पर स्विट्जरलैंड को धन्यवाद दिया। मोदी ने कहा कि भारत कालाधन, डर्टी मनी, हवाला या हथियारों और नशीले पदार्थों से अर्जित धन के अभिशाप से निपटने के लिए स्विट्‍जरलैंड के साथ सहयोग जारी रखने को प्रतिबद्ध है और इस बारे में कर से जुड़ी जानकारी के स्वत: आदान प्रदान संबंधी घोषणा-पत्र की स्विट्‍जरलैंड में आंतरिक प्रक्रिया पूरी होने पर सूचनाएं स्वत: ही साझा हो सकेंगी ।
 
मोदी और लिउथार्ड ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों से जुड़े विविध विषयों पर व्यापक चर्चा की, साथ  ही कर अपवंचन और कालाधन पर द्विपक्षीय सहयोग को और गहरा बनाने के लिए सहयोग बढ़ाने के रास्तों पर  चर्चा की। दोनों देशों के बीच रेलवे के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग समेत दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।
 
बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने महसूस किया कि भारत और स्विट्‍जरलैंड के बीच कर चोरी और कालाधन के  खिलाफ संघर्ष में काफी अच्छा सहयोग है। लिउथार्ड ने उम्मीद जाहिर की कि स्विट्‍जरलैंड की संसद इस वर्ष के अंत तक सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान पर कानून को मंजूरी प्रदान कर देगी और इससे 2019 तक भारत के साथ पहले सेट की सूचना साझा करना संभव हो पाएगा।
 
स्विस राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और स्विट्‍जरलैंड वित्तीय पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए साथ साथ काम  कर सकते हैं। उल्लेखलीय है कि भारत में कालाधन का मुद्दा काफी चर्चा में है और स्विट्‍जरलैंड को ऐसे  पनाहगाह के रूप में माना जाता है, जहां कुछ भारतीय अपना धन कथित तौर पर छिपाकर रखे हुए हैं। मोदी ने कहा कि आज हमने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक विषयों पर व्यापक और सार्थक चर्चा की है। इस यात्रा से,  हमारे मजबूत द्विपक्षीय संबंध और आगे बढ़े हैं।
 
उन्होंने कहा कि आज दोनों देशों के कारोबारी नेताओं के साथ हमारी बातचीत के दौरान हमने ये महसूस किया  कि उनमें, परस्पर लाभ के लिए सहयोग को लगातार बढ़ाते रहने की पुरजोर इच्छा है। भारतीय पारंपरिक  औषधियां, विशेषकर आयुर्वेद, स्वास्थ्य और आरोग्य को बढ़ावा देने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। मुझे खुशी है  कि स्विट्‍जरलैंड ने आयुर्वेद को मान्यता दी है तथा इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में और अधिक सहयोग के लिए उत्सुक  है।
 
मोदी ने लिउथार्ड के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भौगोलिक प्रसार और निरस्त्रीकरण जैसे विषय  भारत और स्विट्‍जरलैंड दोनों के लिए ही बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस संदर्भ में, हम मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण  व्यवस्था (एमटीसीआर) में भारत के शामिल होने के लिए स्विट्‍जरलैंड के समर्थन हेतु बहुत आभारी हैं। (भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

जेट ने विदेश जाने के लिए यह ऑफर