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PM Modi US Visit : अमेरिका दौरे से पहले चीन को पीएम मोदी का कड़ा संदेश, सम्प्रभुता से कोई समझौता नहीं

PM Modi US Visit : अमेरिका दौरे से पहले चीन को पीएम मोदी का कड़ा संदेश, सम्प्रभुता से कोई समझौता नहीं
नई दिल्ली , मंगलवार, 20 जून 2023 (18:07 IST)
PM Modi US Visit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को ‘आवश्यक’ करार देते हुए मंगलवार को कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अमेरिका दौरे की शुरुआत से पहले 'वाल स्ट्रीट जर्नल' को दिए एक इंटरव्यू में यह बातें कहीं।
 
गलवान में दोनों सेनाओं का संघर्ष : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को भारत और चीनी सेनाओं के बीच संघर्ष हो गया था। यह पिछले पांच दशक में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इस तरह का पहला संघर्ष था और इससे द्विपक्षीय संबंधों में तनाव आ गया था।
 
इस घटना के बाद भारत-चीन संबंधों में आए तनाव के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता जरूरी है।
 
उन्होंने कहा कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में हमारा मूल विश्वास है। साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है।
 
20 सैनिक हुए थे शहीद : चीनी के साथ हुए झड़पों में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। चीन ने फरवरी 2021 में आधिकारिक रूप से स्वीकार किया कि झड़पों में उसके पांच सैन्य अधिकारी और सैनिक मारे गए थे। हालांकि, माना जाता है कि मारे गए चीनी सैनिकों की संख्या बहुत अधिक थी।
 
दोनों देशों की सेनाएं सीमा पर तनाव कम करने के लिए बातचीत कर रही हैं, क्योंकि अभी भी कुछ स्थानों पर दोनों पक्ष के बीच गतिरोध कायम है। हालांकि, कुछ अन्य स्थानों से दोनों देशों के सैनिक पीछे हट गए हैं।
 
पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध बढ़ने के बाद, सेना ने क्षेत्र में अपनी अभियानगत क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई उपाय किए हैं।
 
इस बीच, दोनों देशों की सेनाओं के बीच अब तक 18 दौर की उच्चस्तरीय वार्ता हो चुकी है, जिसका मकसद टकराव वाले शेष स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया में तेजी लाना और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति बहाल करना है।
 
भारत का लगातार कहना रहा है कि जब तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं होगी, तब तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आठ जून को कहा था कि पूर्वी लद्दाख में सीमा पर स्थिति सामान्य नहीं होने तक चीन के साथ संबंधों के सामान्य होने की कोई भी उम्मीद करना निराधार है। 
Edited By : Sudhir Sharma

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