Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

विकास यात्रा में पीछे रह गए समाज के वर्गों के बारे में सोचें छात्र : राष्ट्रपति मुर्मू

Webdunia
गुरुवार, 13 जुलाई 2023 (23:55 IST)
Madhya Pradesh visit of President Draupadi Murmu : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों से गुरुवार को कहा कि वे समाज के उन वर्गों के बारे में भी सोचें जो विकास की यात्रा में पीछे रह गए हैं। उन्होंने कहा कि 'शून्य' विश्व को भारत की देन है और कहा जाता है कि शून्य के शिलालेख का सबसे प्राचीन रूप सदियों पहले ग्वालियर के प्रसिद्ध किले में निर्मित चतुर्भुज मंदिर में देखा गया है।
 
मध्य प्रदेश के एक दिवसीय दौरे पर आईं मुर्मू यहां अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा, मैं उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले आप सभी युवा विद्यार्थियों से यह अपेक्षा करती हूं कि आप समाज के उन लोगों के बारे में भी सोचें जो विकास की यात्रा में थोड़ा पीछे रह गए हैं। समाज के प्रति उत्तरदायित्व की भावना आपकी प्रगति के लिए भी उपयोगी सिद्ध होगी। मुर्मू ने कहा, दूसरों की सहायता करने से अपनी क्षमताओं का विकास भी होता है। यह मेरा निजी अनुभव है।
 
उन्होंने कहा, मेरा आग्रह है कि पिछड़े और कमजोर वर्ग के लोगों की सहायता करने पर आप विशेष ध्यान दें। मुर्मू ने कहा कि यह खुशी की बात है कि अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं प्रबंधन संस्थान, ग्वालियर शिक्षा का एक ऐसा उत्कृष्ट केंद्र बनने की ओर अग्रसर है जहां उच्च स्तर की शिक्षा और अनुसंधान को निरंतर बढ़ावा मिलेगा।
 
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महत्व का संस्थान होने के नाते भी इस संस्थान का यह दायित्व है कि वह देश को आगे ले जाने की दिशा में नवीन प्रयास करे और ऐसे विद्यार्थी तैयार करे जो अपनी सोच और कार्य से देश और दुनिया की समस्याओं के समाधान ढूंढने में योगदान दें। मुर्मू ने कहा, मैं समझती हूं कि आज आप सब बहुत उत्साह से अपने भविष्य की योजनाएं बना रहे होंगे। जीवन में आगे बढ़ते रहने के लिए यह ज़रूरी है कि हम जिस रास्ते पर चल रहे हैं उसे समय-समय पर परखते रहें।
 
उन्होंने कहा, हो सकता है कि आज आपने जो रास्ता चुना है वह अभी आपको सही लग रहा हो, लेकिन कुछ समय बाद आपको समझ में आए कि आप जो जीवन में कर रहे हैं, आप उसके लिए नहीं बने हैं। आपको कोई और रास्ता भी मिल सकता है जो आपके लिए बेहतर हो। ऐसी स्थितियों में निर्णय लेने से और नए रास्ते पर चलने से पीछे नहीं हटना है।
 
मुर्मू ने छात्रों से कहा कि दृढ़ संकल्प के साथ सही रास्ता चुनकर आगे बढ़ने से लक्ष्य अवश्य प्राप्त होगा और जीवन में संतुष्टि भी मिलेगी। उन्होंने कहा कि किसी भी नौकरी से मिलने वाला आर्थिक लाभ महत्वपूर्ण होता है, लेकिन उससे मिलने वाली संतुष्टि उससे भी अधिक महत्वपूर्ण है, इसलिए जीवन में खुद से सवाल करते रहिए और खुद को बेहतर बनाते रहिए।
 
मुर्मू ने कहा, भारतीय संस्कृति की अनेक बहुमूल्य धरोहरों को ग्वालियर में संरक्षित किया गया है। यह एक सर्वमान्य तथ्य है कि ‘शून्य’ विश्व को भारत की देन है। भारत ने प्राचीन काल में ही शून्य की अवधारणा विकसित कर ली थी तथा पाण्डुलिपियों में शून्य के लिखित उदाहरण मिलते हैं। कहा जाता है कि शून्य के शिलालेख का सबसे प्राचीन रूप सदियों पहले निर्मित ग्वालियर के चतुर्भुज मंदिर में देखा जाता है।
 
उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में विज्ञान के ऐसे उत्कर्ष उदाहरण प्रौद्योगिकी के छात्रों के लिए विशेष रूप से प्रेरक हैं। मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में यह स्पष्ट किया गया है कि विद्यार्थी भारतीय परम्पराओं और ज्ञान विज्ञान के स्रोतों से जुड़ें तथा आधुनिकतम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को अपनाएं।
 
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि ग्वालियर उनका (वाजपेयी) प्रमुख कर्मस्थल रहा है। उन्होंने कहा कि अटलजी ने आधारभूत संरचना के विकास और दूरसंचार क्षेत्र के व्यापक विस्तार को अभूतपूर्व प्रोत्साहन दिया।
 
मुर्मू ने कहा कि ग्वालियर मध्य प्रदेश के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है और यह शहर अपने महलों, मंदिरों और किलों के लिए प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में ग्वालियर का महत्वपूर्ण स्थान है और मराठाओं द्वारा किए गए संघर्ष में सिंधिया वंश की उल्लेखनीय भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि बीसवीं सदी में ग्वालियर में आधुनिक उद्योगों को बढ़ावा देने में भी सिंधिया परिवार ने सक्रिय योगदान दिया।
 
इससे पहले राष्ट्रपति ने यहां जीवाजीराव सिंधिया संग्रहालय का अवलोकन किया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी पत्नी प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया ने मुर्मू को समृद्धशाली और गौरवशाली मराठा इतिहास के बारे में बताया। साथ ही मानचित्र के जरिए वर्ष 1758 में मराठा साम्राज्य के विस्तार की जानकारी दी। राष्ट्रपति ने मराठा इतिहास और संस्कृति से जुड़ी कलाकृतियों को देखा।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

UP : संभल में कैसे भड़की हिंसा, 3 लोगों की मौत का कौन जिम्मेदार, औवेसी का भी आया बयान, क्या बोले पुलिस अधिकारी

दैत्यों के साथ जो होता है, वही हुआ, महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर बोलीं कंगना रनौत

मराठवाड़ा में महायुति की 46 में से 40 सीटें, क्या फेल हो गया मनोज जरांगे फैक्टर

संभल मामले में अखिलेश यादव का बड़ा बयान, हिंसा के लिए इन्‍हें ठहराया जिम्मेदार

बावनकुले ने बताया, कौन होगा महाराष्‍ट्र का अगला मुख्‍यमंत्री?

सभी देखें

नवीनतम

महाराष्ट्र में कौन बनेगा मुख्यमंत्री, सस्पेंस बरकरार, क्या BJP फिर लेगी कोई चौंकाने वाला फैसला

संभल हिंसा पर कांग्रेस का बयान, बताया BJP-RSS और योगी आदित्यनाथ की साजिश

Delhi Pollution : दिल्ली में प्रदूषण घटा, 412 से 318 पर पहुंचा AQI

UP : संभल में कैसे भड़की हिंसा, 3 लोगों की मौत का कौन जिम्मेदार, औवेसी का भी आया बयान, क्या बोले पुलिस अधिकारी

Maharashtra Assembly Election Results 2024 : महाराष्ट्र में हार शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी, EVM को लेकर दिया बयान

આગળનો લેખ
Show comments