पटना। चुनाव रणनीतिकार और जेडीयू के पूर्व उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार से मेरे वैचारिक मतभेद थे। मैं उनके कुछ फैसलों से सहमत नहीं था। मुझे जेडीयू में रखना उनका अधिकार है। मैं उन्हें पितातुल्य मानता हूं। गांधी और गोडसे की विचारधारा एकसाथ नहीं चल सकती है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि विकास के लिए गठबंधन जरूरी नहीं है। समझौतों से विकास नहीं हो सकता है। बीजेपी के साथ गठबंधन बिहार को विकास नहीं दे रहा है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश से मेरा राजनीतिक संबंध नहीं रहा। नीतीश राज में बिहार में विकास हुआ, लेकिन उसको गति नहीं मिल पाई। बीजेपी के साथ जाने से बिहार का विकास नहीं हुआ।
बिहार की स्थिति 2005 की तरह है। सबसे ज्यादा गरीब बिहार में हैं। शिक्षा-बिजली में बिहार अभी भी पिछड़ा बना हुआ है। नीतीश सरकार ने छात्रों को सुविधाएं तो दीं, लेकिन अच्छी शिक्षा नहीं दे पाए।
नीतीश कुमार को गवर्नेंस पर कोई नहीं बोलता है। नीतीश कुमार बताएं अगले 10 सालों में बिहार के विकास के लिए क्या करेंगे। पिछलग्गू नेतृत्व से बिहार का विकास नहीं हो सकता है। प्रशांत किशोर ने कहा कि 20 मार्च तक उनके साथ 10 लाख युवा जुड़ेंगे।