Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

चंद मिनटों में मिल जाएगा आपका चोरी हुआ मोबाइल, लांच हुआ पोर्टल

Webdunia
मंगलवार, 31 दिसंबर 2019 (08:27 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर के मोबाइल उपयोगकर्ता अब अपने खोए अथवा चोरी मोबाइल फोन का पता लगा सकेंगे। सरकार ने सोमवार को एक वेब पोर्टल पेश किया। यह दिल्ली में खोए और चोरी मोबाइल फोन को बंद करवाने और उसका पता लगाने (ट्रेसिंग) की सुविधा देगा।
ALSO READ: मोबाइल में धड़ाधड़ खर्च होता है Data, तो जानिए बचाने के आसान 6 तरीके
इस पहल को सितंबर में मुंबई में पेश किया गया था। इसे दिल्ली-एनसीआर के लिए अब शुरू किया गया है। साल 2020 में इसके देश के अन्य हिस्सों में भी शुरू होने की उम्मीद है। दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस पहल की शुरुआत करते हुए कहा कि देश की प्रौद्योगिकी और डिजिटल प्रगति को देखते हुए मोबाइल फोन की सुरक्षा जरूरी है।
 
दिल्ली-एनसीआर के उपयोगकर्ता इस पोर्टल (www.ceir.gov.in) से अपने खोए और चोरी फोन को बंद कराने के लिए अनुरोध कर सकेंगे। यही नहीं, फोन को ढूंढने योग्य जानकारियां पुलिस अधिकारियों के साथ साझा की जा सकेंगी। साथ ही बरामद फोन को खोला (अनलॉक) भी जा सकेगा।
 
यह परियोजना सेंट्रल इक्युपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) प्रणाली द्वारा समर्थित है। दूरसंचार विभाग ने मोबाइल सुरक्षा, चोरी और अन्य दिक्कतों को दूर करने के लिए इस प्रणाली को शुरू किया है। प्रसाद ने कहा कि हम विकास के लिए प्रौद्योगिकी का सर्वाधिक उपयोग करते हैं, उसी तरह स्मार्ट अपराधी तकनीक का दुरुपयोग करता है। इस कदम से दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में 5 करोड़ मोबाइल ग्राहकों को लाभ होगा।
 
दूरसंचार सचिव अंशू प्रकाश ने कहा कि दिल्ली के जिन दूरसंचार ग्राहकों का फोन चोरी या गुम गया है, वे सोमवार से वेब पोर्टल पर लॉगिन कर सकते हैं, उन्हें पोर्टल पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करनी होगी और उसके साथ पुलिस के पास दर्ज शिकायत की प्रति और अपना पहचान पत्र अपलोड करना होगा। इसके आधार पर मोबाइल को बंद (ब्लॉक) कर दिया जाएगा। अगर किसी ने इस फोन को इस्तेमाल किया होगा तो उसे टॉवर सिग्नल के आधार पर ढूंढा जा सकता है। इससे पुलिस मोबाइल भी बरामद कर सकती है। 
 
प्रकाश ने कहा कि सभी फोन में पहचान के लिए इंटरनेशनल मोबाइल इक्विपमेंट आइडेंटिटी (आईएमईआई) नंबर होता है। यह नंबर प्रोग्राम करने लायक है और अपराधी किस्म के लोग आईएमईआई नंबर को रिप्रोग्राम कर देते हैं जिस कारण आईएमईआई की क्लोनिंग होती है। इस वजह से एक ही नंबर पर कई हैंडसेट चल रहे हैं।
 
यदि इस तरह के आईएमईआई को बंद किया जाता है, तो असल ग्राहक पर भी असर पड़ता है। अब जो सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है, वह किसी भी व्यक्ति के फोन को बंद करने की अनुमति देता है, भले ही उसमें क्लोन किया हुआ आईएमईआई नंबर पर हो।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

Karhal by election: मुलायम परिवार के 2 सदस्यों के बीच जोर आजमाइश, BJP ने भी घोषित किए प्रत्याशी

कबाड़ से केंद्र सरकार बनी मालामाल, 12 लाख फाइलों को बेच कमाए 100 करोड़ रुपए

Yuvraj Singh की कैंसर से जुड़ी संस्था के पोस्टर पर क्यों शुरू हुआ बवाल, संतरा कहे जाने पर छिड़ा विवाद

उत्तराखंड स्थापना दिवस इस बार ‘रजतोत्सव’ के रूप में मनेगा

UP : इलाज न मिलने से बच्ची की मौत, परिजन का आरोप- क्रिकेट खेलते रहे डॉक्टर

આગળનો લેખ
Show comments