मुंबई। पीएनबी में 11,400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले की विभिन्न एजेंसियों द्वारा जांच के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने आज कहा कि उसने अगस्त 2016 के बाद से बैंकों को स्विफ्ट व्यवस्था के संभावित दुरूपयोग को लेकर तीन बार आगाह किया था।
इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने वाईएच मालेगाम की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित की है जो कि बैंकों में गैर-निष्पादित आस्तियों और उनके संबंध में किए गए पूंजी प्रावधानों के बीच भारी अंतर के कारणों की पड़ताल करेगी।
समिति इसे रोकने के लिए उपाय सुझाएगी। समिति बैंकों में धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ने के कारणों पर विचार करेगी तथा इनका दोहराव रोकने के लिए विभिन्न उपायों की सिफारिश करेगी। केंद्रीय बैंक ने एक बयान में यह जानकारी दी है।
इसके अनुसार केंद्रीय बैंक ने पीएनबी मामले के मद्देनजर बैंकों से कहा है कि अपने स्विफ्ट परिचालन को मजबूत बनाने के लिए सुझाए गए उपायों का कार्यान्वयन करें। इसके अनुसार वह सोसायटी फोर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फिनांशल टेलीकम्युनिकेशन (स्विफ्ट) के संभावित दुरूपयोग के बारे में बैंकों को बार-बार आगाह करता रहा है। अगस्त 2016 के बाद से उसने कम से कम तीन बार इस बारे में बैंकों को चेताया।
उल्लेखनीय है कि पीएनबी में 11,400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले की सीबीआई व ईडी सहित अनेक एजेंसियां जांच कर रही हैं। यह देश के बैंकिंग इतिहास में धोखाधड़ी का अपनी तरह का सबसे बड़ा मामला है। (भाषा)