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PMC के निलंबित एमडी का दावा, बैंक के पास पर्याप्त नकदी, लोगों की पाई-पाई सुरक्षित

PMC के निलंबित एमडी का दावा, बैंक के पास पर्याप्त नकदी, लोगों की पाई-पाई सुरक्षित
, गुरुवार, 26 सितम्बर 2019 (14:24 IST)
मुंबई। पंजाब एंड महाराष्ट्र कोआपरेटिव बैंक (पीएमसी) के निलंबित प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस ने दावा किया है कि ऋणदाता के पास अपनी देनदारियों को निपटाने के लिए पर्याप्त नकदी है और जनता की पाई-पाई सुरक्षित है।
 
थॉमस ने कहा कि बैंक के सभी ऋण सुरक्षित हैं। सिर्फ एक बड़ा खाता एचडीआईएल मौजूदा संकट की एकमात्र वजह है। भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को नियामकीय कार्रवाई करते हुए पीएमसी के प्रबंधन को भंग कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने छह महीने के लिए पीएमसी के कामकाज के लिए प्रशासक नियुक्त किया है। कई बार प्रयास के बावजूद एचडीआईएल से संपर्क नहीं हो पाया।
 
रिजर्व बैंक ने छह महीने के लिए पीएमसी के खाताधारकों की निकासी की सीमा 1,000 रुपए तय की है। इसके अलावा इस अवधि में बैंक द्वारा नया कर्ज देने पर भी रोक लगाई गई है।
 
हालांकि, थॉमस ने यह नहीं बताया कि एचडीआईएल पर पीएमसी का कितना कर्ज बकाया है। उन्होंने कहा कि एचडीआईएल बैंक का सबसे बड़ा और पुराना ग्राहक है। उन्होंने कहा कि बैंक के अन्य सभी खाते सुरक्षित हैं। थॉमस ने कहा कि सभी कर्ज पूरी तरह सुरक्षित हैं और ग्राहकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
 
थॉमस ने कहा, 'हमारे पास पर्याप्त नकदी है। साथ ही हमने जो कर्ज दिया है उसके एवज में वैकल्पिक प्रतिभूतियां हैं। हम बिना गारंटी कोई कर्ज नहीं देते और हमारा ऋण कवरेज अनुपात हमेशा 100-110 प्रतिशत रहा है।'
 
उन्होंने बताया कि बैंक के पास सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) और नकद आरक्षित अनपुात (सीआरआर) के रूप में 4,000 करोड़ रुपए की नकदी है। बैंक की देनदारियां करीब 11,600 करोड़ रुपए हैं।
 
रिजर्व बैंक द्वारा पीएमसी पर कार्रवाई की प्रमुख वजह बैंक द्वारा अपने डूबे कर्ज को कम कर दिखाना है। सूत्रों का कहना है कि बैंक की गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) दहाई अंकों में ऊंचे स्तर पर हैं। वहीं वित्त वर्ष 2018-19 में बैंक के बही खाते में एनपीए को 2.19 प्रतिशत के निचले स्तर पर दिखाया गया है। इससे पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में यह 1.05 प्रतिशत था।
 
थॉमस ने स्वीकार किया कि एचडीआईएल के खाते में एनपीए को कम कर दिखाने की वजह से यह समस्या खड़ी हुई है। स्लम पुनर्विकास कंपनी पहले से नकदी संकट से जूझ रही है। अब यह दिवाला प्रक्रिया में है। पिछले कई साल से कंपनी भुगतान में देरी कर रही है।
 
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि एचडीआईएल पर बैंक का कितना कर्ज बकाया है। उन्होंने कहा कि यह कर्ज पूरी तरह सुरक्षित या गारंटी वाला है।
 
थॉमस ने कहा कि समस्या की प्रमुख वजह एचडीआईएल द्वारा भुगतान में देरी है। उन्होंने विश्वास जताया कि देर-सवेर बैंक में स्थिति सामान्य हो जाएगी। यह कर्ज पूरी तरह गारंटी में है। बैंक अब एचडीआईएल से उसकी संपत्तियों की बिक्री के लिए बात कर रहा है जिससे वह अपना बकाया वसूल सके।
 
उन्होंने कहा, 'हम पिछले कई माह से एचडीआईएल के साथ काम कर रहे हैं। हमें इस बात की जानकारी है कि कंपनी अपनी संपत्तियों के मौद्रिकरण के अग्रिम चरण में है। इसी वजह से हम कह रहे हैं कि जल्द समस्या दूर हो जाएगी।'
 
एचडीआईएल को पुराना ग्राहक बताते हुए थॉमस ने कहा कि जब हम सिर्फ एक इकाई वाला बैंक थे तो उन्होंने हमें समर्थन दिया। जब हमें समस्या आई तब भी उनका सहयोग मिला। बहुत साल पहले 1988 में जब कोई बैंक में एक पैसा भी जमा नहीं करा रहा था, उन्होंने 13 लाख रुपए जमा कराए थे।
 
थॉमस ने कहा कि बैंक का 40 से 50 प्रतिशत कारोबार सिर्फ एचडीआईएल से आता था। हमने उनसे काफी मुनाफा कमाया है। ऐसा नहीं होता तो हमारा बैंक आगे कैसे बढ़ता और हम शीर्ष पांच में कैसे आते? (भाषा)

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