Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

पीएम बोले, आत्मनिर्भर भारत मानवता व दुनिया की भलाई के लिए, ई-भगवद् गीता का किया लोकार्पण

Webdunia
गुरुवार, 11 मार्च 2021 (12:42 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' के मूल में सिर्फ अपने लिए धन-संपत्ति और मूल्य अर्जित करना नहीं, बल्कि मानवता की वृहद सोच और विश्व की भलाई है। डिजिटल माध्‍यम से स्‍वामी चिदभवानंद की ई-भगवद् गीता के लोकार्पण अवसर पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में भारत ने दुनिया को ना सिर्फ दवाइयां मुहैया कराई बल्कि अब वह टीके भी उपलब्ध करवा रहा है।
ALSO READ: PM मोदी का गीता ज्ञान, जानिए खास बातें
उन्होंने कहा कि 'आत्मनिर्भर भारत' के मूल में सिर्फ अपने लिए धन-संपत्ति और मूल्य अर्जित करना नहीं है, बल्कि मानवता की सेवा है। हमारा मानना है कि 'आत्मनिर्भर भारत' दुनिया की बेहतरी के लिए है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया कोविड-19 की चुनौती का सामना कर रही है और इसका सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था पर भी दूरगामी प्रभाव पड़ा है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में गीता के दिखाए रास्ते और अहम हो जाते हैं।
 
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जब दुनिया को दवाइयों की जरूरत पड़ी, तब भारत ने इसकी पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किया। हमारे वैज्ञानिकों ने कम से कम समय में टीके का ईजाद किया और अब भारत दुनिया को टीके पहुंचा रहा है। इसे 'आत्मनिर्भर भारत' का बेहतर उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि 130 करोड़ भारतीयों ने देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प ले लिया है।
ALSO READ: पीएम मोदी ने भारत और बांग्लादेश को जोड़ने वाले ‘मैत्री सेतु’ का किया उद्घाटन
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-बुक्स युवाओं में विशेष रूप से लोकप्रिय हो रही हैं और ई-भगवद् गीता अधिक से अधिक युवाओं को गीता के महान विचार से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि गीता हमें सोचने पर मजबूर करती है। यह हमें सवाल करने के लिए प्रेरित करती है। यह हमें चर्चा के लिए प्रोत्साहित करती है। युवाओं को गीता का अध्ययन करने का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवद् गीता पूरी तरह व्यावहारिक ज्ञान पर आधारित है।
ALSO READ: पीएम मोदी बोले, दुनिया हमारी जेनरिक दवाइयां लेती हैं लेकिन...
उन्होंने कहा कि गीता की शोभा उसकी गहराई, विविधता और लचीलेपन में है। आचार्य विनोबा भावे ने गीता को माता के रूप में वर्णित किया है। महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक, महाकवि सुब्रमण्यम भारती जैसे महान लोग गीता से प्रेरित थे। इस समारोह का आयोजन स्वामी चिदभवानंद की भगवद् गीता की 5 लाख प्रतियों की बिक्री के अवसर पर किया गया था।

स्‍वामी चिदभवानंद तमिलनाडु के तिरुचिरापल्‍ली स्थित श्री रामकृष्‍ण तपोवन आश्रम के संस्‍थापक हैं। उन्‍होंने साहित्‍य की विभिन्न विधाओं में 186 पुस्‍तकें लिखी हैं। भगवद् गीता पर मीमांसा उनकी प्रमुख कृतियों में शामिल है। तमिल भाषा में गीता पर उनकी टिप्पणी 1951 और अंग्रेजी में 1965 में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्‍तक का तेलुगु, उड़िया और जर्मन तथा जापानी भाषाओं में भी अनुवाद किया जा चुका है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

Jammu and Kashmir : गुलमर्ग में सेना के वाहन पर आतंकी हमला, एक सिविलियन पोर्टर की मौत 6 जवान घायल

महाराष्ट्र चुनाव : NCP शरद की पहली लिस्ट जारी, अजित पवार के खिलाफ बारामती से भतीजे को टिकट

कनाडाई PM जस्टिन ट्रूडो के सामने संसद में भड़के सांसद, बोले- खालिस्तानी आतंकियों को गंभीरता से क्यों नहीं लेते...

Karhal by election: मुलायम परिवार के 2 सदस्यों के बीच जोर आजमाइश, BJP ने भी घोषित किए प्रत्याशी

कबाड़ से केंद्र सरकार बनी मालामाल, 12 लाख फाइलों को बेच कमाए 100 करोड़ रुपए

આગળનો લેખ
Show comments