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इमारतें गिरने और आग लगने की घटनाओं से पीएम मोदी चिंतित, बताया- कैसे रोकी जा सकती है घटनाएं?

इमारतें गिरने और आग लगने की घटनाओं से पीएम मोदी चिंतित, बताया- कैसे रोकी जा सकती है घटनाएं?
, मंगलवार, 20 सितम्बर 2022 (11:52 IST)
गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरों में इमारतों के गिरने और उनमें आग लगने की घटनाओं को चिंता का विषय करार देते हुए मंगलवार को कहा कि यदि नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
 
गुजरात के गांधीनगर में आयोजित भाजपा के महापौरों के सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 'सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास' का भाजपा का शासन का मॉडल उसे दूसरों से अलग करता है।
 
उन्होंने अहमदाबाद नगर निगम में सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भी राज्य के लोग उनके कार्यों को बहुत सम्मान से याद करते हैं।
 
उन्होंने कहा कि आपको भी अपने शहरों को उस स्तर पर ले जाना है कि आने वाली पीढ़ियां आपको याद करके कहें कि हां, हमारे शहर में भाजपा के एक महापौर आये थे तब यह काम हुआ। मेरा शहर आर्थिक रूप से समृद्ध हो।
 
चुने हुए जनप्रतिनिधियों की सोच, सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीमित नहीं होनी चाहिए। चुनाव केंद्रित सोच से हम शहर का भला नहीं कर सकते हैं। मेरा शहर किसी न किसी उत्पाद के लिए जाना जाए। मेरा शहर टूरिज्म के लिए आकर्षण का केंद्र बने। मेरा शहर उसकी पहचान बने। इस सोच के साथ काम करना चाहिए। 
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में आज शहरों की अवसंरचना पर अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। देश में मेट्रो रेल सेवा के विस्तार का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि 2014 तक यह 250 किमी से भी कम था लेकिन आज देश में मेट्रो नेटवर्क 775 किमी से भी ज्यादा का हो चुका है और एक हजार किमी के नए मेट्रो रूट पर काम भी चल रहा है।
 
उन्होंने कहा कि शहरों में पुरानी इमारतों का गिरना और उनमें आग लगना चिंता का विषय होता है। उन्होंने कहा कि यदि नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है। नियम-कानूनों का पालन सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों की सोच सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीमित नहीं होनी चाहिए क्योंकि चुनाव केंद्रित सोच से हम शहर का भला नहीं कर सकते। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपना एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि अगर सही काम किया जाए और जनहित में किया जाए तो लोगों का साथ भी मिलता है

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