Ayodhya Surya tilak : रामनवमी के अवसर पर बुधवार को अयोध्या में रामलला का 'सूर्य तिलक' दर्पण और लेंस से युक्त एक विस्तृत तंत्र के माध्यम से किया गया। इस तंत्र के जरिए सूर्य की किरणें राम की मूर्ति के माथे पर पहुंचीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी असम के नलबाड़ी में इस अद्भुत दृश्य को देखा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 22 जनवरी को उद्घाटन किए गए नए मंदिर में राम मूर्ति की प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है। सूर्य तिलक लगभग चार-पांच मिनट के लिए किया गया था जब सूर्य की किरणें सीधे राम लला की मूर्ति के माथे पर केंद्रित थीं।
गुप्ता ने कहा कि मंदिर प्रशासन ने भीड़भाड़ से बचने के लिए सूर्य तिलक के समय भक्तों को गर्भगृह में प्रवेश करने से रोक दिया।
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपनी कई पोस्ट में कहा कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली रामनवमी एक मील का पत्थर है जो सदियों की भक्ति को आशा और प्रगति के एक नए युग से जोड़ती है। यह वह दिन है जिसका करोड़ों भारतीयों को इंतजार था। उन्होंने कहा कि यह देशवासियों की वर्षों की मेहनत और बलिदान का फल है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रभु श्री राम का आशीर्वाद हम पर हमेशा बना रहे और हमारे जीवन को ज्ञान और साहस से रोशन करते हुए हमें धर्म और शांति की ओर ले जाए।
मोदी ने कहा कि इस पावन अवसर पर मेरा मन भावविभोर और कृतार्थ है। ये श्रीराम की परम कृपा है कि इसी वर्ष अपने देशवासियों के साथ मैं अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा का साक्षी बना। उस क्षण की स्मृतियां अब भी उसी ऊर्जा से मेरे मन में बसी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान राम भारतीयों के रोम-रोम में बसे हैं। रामनवमी उन असंख्य राम भक्तों और संत-महात्माओं को स्मरण और नमन करने का भी दिन है, जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित कर दिया।
Edited by : Nrapendra Gupta