Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

इस रविवार 40वीं बार 'मन की बात' कहेंगे मोदी

इस रविवार 40वीं बार 'मन की बात' कहेंगे मोदी
नई दिल्ली , शनिवार, 27 जनवरी 2018 (10:40 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रेडियो पर हर महीने जनता के सामने अपने 'मन की बात' कहने वाले दुनिया के पहले नेता नहीं हैं बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति कॉल्विन कूलिज ने 1925 से हर महीने जनता से रेडियो से संवाद स्थापित करने का सिलसिला शुरू किया।
 
मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम पर संपादित पुस्तक की भूमिका में केंद्रीय हिन्दी संस्थान के उपाध्यक्ष एवं प्रेमचंद साहित्य के विशेषज्ञ डॉ. कमल किशोर गोयनका ने लिखा है कि अमेरिका में पहली बार किसी राजनेता ने रेडियो से अपना भाषण प्रसारित किया था।
 
राष्ट्रपति वारेन हार्डिंग ने फरवरी 1922 में रेडियो स्थापित किया और जून 1922 में पहली बार रेडियो से अपना भाषण प्रसारित किया। इसके बाद कूलिज ने 1924 में रेडियो का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए किया। वे जब राष्ट्रपति बने तो उस समारोह का विवरण रेडियो से प्रसारित किया गया। उसके बाद वे अपने कार्यकाल में हर माह कम से कम एक बार देशवासियों को रेडियो से संबोधित करते रहे जिसके कारण जनता के साथ उनका संबंध एवं आकर्षण बना रहा।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति रुजवेल्ट ने 1933 से 1944 के बीच 30 बार रेडियो से देशवासियों को संबोधित किया। गोयनका ने पुस्तक में लिखा है कि भारत में 23 जुलाई 1927 को मुंबई  में पहला रेडियो स्टेशन स्थापित हुआ था। 8 जून 1936 को इसका नाम ऑल इंडिया रेडियो रखा गया और 5 तथा 7 मार्च 1936 को प्रेमचंद ने 2 कहानियों का पाठ किया जिसका पारिश्रमिक उन्हें 80 रुपए मिला।
 
मोदी ने रेडियो की ताकत को देखते हुए 3 अक्टूबर 2014 से रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए अपने मन की बात कहना शुरू किया। मोदी अब तक 39 बार 'मन की बात' कह चुके हैं। प्रधानमंत्री रविवार को अपना 40वां 'मन की बात' कार्यक्रम पेश करेंगे।
 
प्रवीण प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'मन की बात : राष्ट्रधर्म की अवधारणा' में गोयनका ने मोदी के भाषणों का विश्लेषण किया है और 43 पृष्ठों में उनके भाषणों के मुख्य बिंदुओं को रेखांकित किया है।
 
उन्होंने पुस्तक की भूमिका में लिखा है कि उन्होंने अपने जीवन में प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू से लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह जैसे प्रधानमंत्रियों के भाषण सुने हैं लेकिन किसी ने जनता के साथ ऐसा संवाद कायम नहीं  किया। मोदी ने न केवल रेडियो को और लोकप्रिय बनाया बल्कि देशवासियों में एक नई प्रेरणा और उत्साह का संचार करने के साथ नई दिशा प्रदान की। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

रोहिणी में डाकघर के चौकीदार की हत्या