नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चक्रवात 'तौकते' से निपटने की तैयारियों का जायजा लेने के लिए शनिवार को राज्यों, केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की और संबंधित अधिकारियों को लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने तथा बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी जरूरी सेवाओं का प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। 'तौकते' के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने अपनी टीमों की संख्या 53 से बढ़ाकर 100 कर दी है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने चक्रवात से जिन स्थानों के प्रभावित होने की संभावना है वहां के अस्पतालों में कोविड प्रबंधन, टीकाकरण, बिजली की कमी न हो, इसके उपाय और आवश्यक दवाओं के भंडारण के लिए विशेष तैयारियों की आवश्यकता पर बल दिया।
इस उच्चस्तरीय बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह मंत्रालय, नागरिक उड्डयन, संचार, पोत परिवहन मंत्रालयों के सचिव, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के शीर्ष अधिकारी, रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री कार्यालय तथा गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
पीएमओ ने कहा, प्रधानमंत्री ने नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे कार्यरत रखने का निर्देश दिया। उन्होंने जामनगर से होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति पर कम से कम प्रभाव पड़ना सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने समय रहते बचाव व राहत अभियान में स्थानीय लोगों को शामिल करने के बारे में भी बात की।
बयान के मुताबिक भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बताया कि तौकते चक्रवात 18 मई की दोपहर या शाम को पोरबंदर और नलिया के बीच गुजरात तट पर पहुंच सकता है और इस दौरान हवाओं की रफ्तार बीच-बीच में 175 किलोमीटर प्रति घंटा भी हो सकती है।
इस वजह से गुजरात के तटीय जिलों जूनागढ़, गिर सोमनाथ में अत्यंत भीषण बारिश हो सकती है जबकि जूनागढ़, पोरबंदर, द्वारका, अमरेली, राजकोट और जामनगर सहित कुछ अन्य स्थानों पर बहुत भारी से भारी बारिश की संभावना है। तूफान को तौकते नाम म्यांमार ने दिया है जिसका मतलब छिपकली होता है। इस साल भारतीय तट पर यह पहला चक्रवाती तूफान होगा।
बैठक में चर्चा हुई कि केबिनेट सचिव सभी तटीय राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ ही एजेंसियों के लगातार संपर्क में रहेंगे और केंद्रीय गृह मंत्रालय चौबीसों घंटे स्थिति पर नजर बनाए हुए है। पीएमओ के बयान के मुताबिक गृह मंत्रालय ने सभी तटीय राज्यों को राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) की पहली किस्त पहले ही जारी कर दी है। एनडीआरएफ ने छह राज्यों में नावों, पेड़ काटने वाले और दूरसंचार उपकरणों से लैस 42 टीमों को पहले से तैनात किया है और 26 टीमों को तैयार रखा गया है।
बयान में कहा गया कि भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं जबकि थलसेना की इंजीनियर टास्क फोर्स इकाइयां, नावों और बचाव उपकरणों के साथ तैनाती के लिए तैयार हैं। इसके अलावा मानवीय सहायता और आपदा राहत इकाइयों के साथ सात जहाज पश्चिमी तट पर तैयार हैं।
निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर पश्चिमी तट पर लगातार निगरानी कर रहे हैं। आपदा राहत दल और चिकित्सा दल त्रिवेंद्रम, कन्नूर और पश्चिमी तट के साथ अन्य स्थानों पर तैनात हैं। बैठक में संबंधित मंत्रालयों को भी आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए गए। बयान के मुताबिक विद्युत मंत्रालय ने बिजली की तत्काल बहाली के लिए ट्रांसफार्मर, डीजी सेट और उपकरणों को तैयार रखा है जबकि दूरसंचार मंत्रालय सभी दूरसंचार टॉवरों और केन्द्रों पर लगातार नजर रखे है।
इसी प्रकार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रभावित क्षेत्रों में कोविड महामारी पर स्वास्थ्य क्षेत्र की तैयारियों और प्रतिक्रिया के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह जारी की है। इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि अरब सागर के ऊपर बना दबाव का क्षेत्र अब चक्रवाती तूफान तौकते में तब्दील हो गया है और इसके 18 मई के आसपास पोरबंदर तथा नलिया के बीच गुजरात तट को पार करने की संभावना है।
इस दौरान सौराष्ट्र और कच्छ के तटों के पास बेहद तेज बारिश के साथ ही 175 किलोमीटर प्रतिघंटा तक की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं।आईएमडी ने कहा कि 'तौकते' 16 से 18 मई के बीच अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान के रूप में रहेगा।
वायुसेना के विमान तैयार : भारतीय वायुसेना ने शनिवार को कहा कि उसने तौकते तूफान से उत्पन्न किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए अपने 16 मालवाहक विमान और 18 हेलीकॉप्टर प्रायद्वीपीय भारत में तैयार रखे हैं। वायुसेना ने बताया कि वायुसेना ने अगले कुछ दिन तटीय इलाकों में कोविड-19 राहत अभियान पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है क्योंकि खराब मौसम की वजह से बाद में इन इलाकों में अभियान प्रभावित हो सकता है।
वायुसेना ने एक बयान में कहा कि वायुसेना ने तौकते तूफान के मद्देनजर प्रायद्वीपीय भारत में 16 मालवाहक विमानों और 18 हेलीकॉप्टरों को त्वरित परिचालन के लिए तैयार अवस्था में रखा है क्योंकि तूफान की वजह से पश्चिमी तटीय इलाके में बहुत भारी बारिश होने की आशंका है।
बयान में कहा गया कि एक आईएल-76 विमान ने बठिंडा से 127 जवानों और 11 टन सामान लेकर जामनगर पहुंचा है। वायुसेना ने बताया कि सी-130 विमान 25 जवानों और 12.3 टन सामान लेकर बठिंडा से राजकोट पहुंचा है, जबकि दो सी-130 विमान 126 जवानों और 14 टन समान लेकर भुवनेश्वर से जामनगर पहुंचा है।
राजस्थान में हो सकती है भारी बारिश : मौसम विभाग ने अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान तौकते के कारण अगले कुछ दिनों तक राजस्थान के अनेक इलाकों में तेज हवाएं चलने व हल्की से भारी बारिश होने की संभावना जताई है।
मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, राजस्थान में चक्रवाती तूफान तौकते के असर से 16 मई से तेज अंधड़ के साथ बारिश होने लगेगी। विशेष रूप से उदयपुर, कोटा और जोधपुर संभाग के जिलों में रविवार को तेज अंधड़ व 40-50 किलोमीटर की रफ्तार से अचानक तेज हवाएं चलने और हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है।
विभाग के अनुसार, 17 मई को कोटा, उदयपुर अजमेर और जोधपुर संभाग के जिलों में गरज के साथ बारिश होने और 40-50 किलोमीटर की रफ्तार से अचानक तेज हवाओं के साथ ज्यादातर भागों में हल्की से मध्यम दर्जे की बारिश होने, जबकि एक-दो स्थानों पर भारी बारिश होने की भी संभावना है।
इसी तरह 18-19 मई को तौकते का सर्वाधिक असर रहेगा इस दौरान जोधपुर संभाग के बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर, जोधपुर तथा आसपास के जिलों में कहीं-कहीं भारी से भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा नागौर, बीकानेर, चूरू, अजमेर, सिरोही जयपुर, भरतपुर सम्भाग और आसपास के जिलों में मध्यम से भारी बारिश का अनुमान है।
प्रवक्ता ने कहा कि पिछले 6 घंटे में दक्षिण-पूर्वी अरब सागर की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान 11 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से उत्तर उत्तर पश्चिमी दिशा में आगे बढ़ा है। वर्तमान परिस्थिति के अनुसार इसके 18 मई को गुजरात के पोरबंदर व नलिया के बीच 18 मई को पहुंचने की संभावना है।(भाषा)