नई दिल्ली। विदेश मंत्री डॉ. सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने सोमवार को कहा कि पासपोर्ट सेवा में सुधार के कार्यक्रम जारी रहेंगे और जल्द ही देश में इलेक्ट्रॉनिक चिप युक्त ई-पासपोर्ट जारी होना शुरू हो जाएंगे।
डॉ. जयशंकर ने यहां जवाहरलाल नेहरू भवन में पासपोर्ट सेवा दिवस और पासपोर्ट अधिकारियों के सम्मेलन के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पूर्ववर्ती श्रीमती सुषमा स्वराज द्वारा शुरू किए गए पासपोर्ट सेवाओं में क्रांतिकारी सुधारों को जारी रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि डाक विभाग के सहयोग से देश में अब तक 413 डाकघर पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोले जा चुके हैं। इसके अलावा 93 पासपोर्ट कार्यालयों को मिलाकर 505 पासपोर्ट सेवा केन्द्र देश में सालाना करीब एक करोड़ पासपोर्ट जारी कर रहे हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका एवं चीन के बाद भारत विश्व में तीसरा सर्वाधिक पासपोर्ट जारी करने वाला देश बन चुका है। देश में इस समय करीब साढ़े आठ करोड़ नागरिकों के पास पासपोर्ट हैं। उन्होंने कहा कि पासपोर्ट सेवा में सुधार, विस्तार और आपके द्वार के मंत्र पर काम हो रहा है। देश के हर लोकसभा क्षेत्र में कम से कम एक पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोलने की योजना है।
उन्होंने यह भी कहा कि पासपोर्ट सुधार एवं सरलीकरण का कार्यक्रम सुरक्षा चिंताओं से समझौता किए बिना जारी रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक चिप युक्त पासपोर्ट जारी किया जाने लगेगा। सूत्रों के अनुसार ई-पासपोर्ट इसी वर्ष से जारी होने लगेंगे। लोगों के पासपोर्ट के नवीनीकरण के समय सबको ई-पासपोर्ट ही जारी किए जाएंगे।
इस कार्यक्रम में डाक सचिव अनंत नारायण नंदा, विदेश मंत्रालय में सचिव (काउंसलर, पासपोर्ट, वीसा) संजीव अरोड़ा और संयुक्त सचिव एवं मुख्य पासपोर्ट अधिकारी अरुण चटर्जी उपस्थित थे। विदेश मंत्री ने पासपोर्ट सेवाओं के श्रेष्ठतम क्रियान्वयन के लिए पुरस्कार भी प्रदान किए। सर्वश्रेष्ठ पासपोर्ट सेवा केन्द्र के रूप में पहला पुरस्कार जालंधर कार्यालय को, दूसरा पुरस्कार कोच्चि कार्यालय को और तीसरा पुरस्कार कोयंबटूर कार्यालय को दिया गया।
राज्य पुलिस अधिकारियों की श्रेणी में पहला पुरस्कार गुंटूर पुलिस अधीक्षक कार्यालय को और दूसरा पुरस्कार कोचीन पुलिस आयुक्त कार्यालय को दिया गया। डाकघर पासपोर्ट सेवाकेन्द्र की श्रेणी में गुजरात के आणंद और आंध्रप्रदेश के कुर्नूल को पुरस्कृत किया गया। (वार्ता)