नई दिल्ली। Manipur Violence Update: संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में मणिपुर महिलाओं को निर्वस्त्र परेड करवाने की घटना को लेकर घमासान जारी है। विपक्ष ने 24 जुलाई को संसद के दोनों सदनों के फ्लोर लीडर की सुबह 10 बजे एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है। प्रधानमंत्री के बयान की मांग को लेकर ही सोमवार को सुबह 10.30 बजे विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया के सांसद संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करेंगे।
1. सवालों से डरती है मोदी सरकार : कांग्रेस ने शनिवार को फिर कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मणिपुर की हिंसा और दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने की घटना पर सदन के भीतर वक्तव्य देना चाहिए और इस विषय पर विस्तृत चर्चा होनी चाहिए। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सदन में आकर बयान दें और मणिपुर हिंसा पर चर्चा हो। हम चाहते हैं कि मणिपुर हिंसा पर राज्यसभा में नियम 267 और लोकसभा में कार्यास्थगन प्रस्तावों के तहत किया जाए। गठबंधन इंडिया के सांसद संसद भवन में गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन करेंगे
2. अंतरधार्मिक समिति बनाई : केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने शनिवार को कहा कि मणिपुर में हिंसा नहीं होनी चाहिए थी और अविश्वास की खाई को पाटने के लिए अंतरधार्मिक समिति का गठन किया गया है।
3. छ: लोगों की गिरफ्तारी : इस मामले में अब तक 6 लोगों को पकड़ा गया है। इनमें वह व्यक्ति भी शामिल है जिसे सार्वजनिक हुए वीडियो में बी. फाइनोम गांव में एक महिला को घसीटते हुए देखा गया था। पुलिस ने कहा कि कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी करके बाकी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं।
4. पुलिस हिरासत में आरोपी : आरोप है कि भीड़ ने महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया। इससे पहले गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों को शुक्रवार को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था।
5. पूर्व सैनिक की पत्नी : जिन दो महिलाओं के साथ यह शर्मनाक घटना हुई, उनमें से एक भारतीय सेना के पूर्व जवान की पत्नी है, जिसने असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में सेवाएं दी थीं और करगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था।
6. केंद्रीय बलों की तैनाती : मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों ने आदिवासी महिलाओं के साथ बेअदबी के 19 जुलाई को सामने आए वीडियो के मद्देनजर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है। मणिपुर पुलिस ने ट्वीट में कहा, 'पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में कुल 126 नाके और जांच चौकियां बनाई गई है और हिंसा के संबंध में पुलिस ने 413 लोगों को हिरासत में लिया है।'
7. हत्या और बलात्कार का जिक्र नहीं : मणिपुर पुलिस की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी में दोनों के यौन उत्पीड़न से संबंधित किसी धारा का उल्लेख नहीं है, इसके बजाय केवल लूट, शरारत और अनाधिकार प्रवेश का मामला दर्ज किया गया है। घटना स्थल से 35 किमी दूर कांगपोपकी जिले के सैकुल थाने में पीड़िताओं में से एक की मां की शिकायत पर 16 मई को शून्य प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
8. महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन : पूर्वोत्तर राज्यों की महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। मणिपुर की महिला अधिकार कार्यकर्ता और 'वुमेन एक्शन फॉर डेवलपमेंट' (डब्ल्यूएडी) की सचिव सोबिता मंगसातबम ने घटना चौंकाने वाली, दुर्भाग्यपूर्ण और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है।
9. हंगामे से नहीं चल पाया सदन : मणिपुर के विषय पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले दो दिनों में कोई प्रमुख विधायी कार्य नहीं हो सका। मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया। अधिकारियों ने बताया कि यह वीडियो चार मई का है।
10. 160 से ज्यादा की मौत : मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। एजेंसियां Edited By : Sudhir Sharma