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पद्मावत का विरोध, हिंसक प्रदर्शन, बसों में लगाई आग (फोटो)

पद्मावत का विरोध, हिंसक प्रदर्शन, बसों में लगाई आग (फोटो)
, सोमवार, 22 जनवरी 2018 (11:20 IST)
नोएडा। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’की रिलीज को लेकर विरोध कर रहे करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों के सदस्यों ने डीएनडी फ्लाईओवर के टोल प्लाजा के काउंटरों पर तोड़-फोड़ की और एक बैरियर को आग के हवाले कर दिया। इंदौर से गुजरात के दाहोद, मेहसाण, वडोदरा, अहमदाबाद, गांधी नगर जाने वाली बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। गुजरात में भी फिल्म को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। फिल्‍म पद्मावत के विरोध के चलते गुजरात के मेहसाणा में 8 बसों को आग के हवाले किया गया।
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नगर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह ने बताया कि डीएनडी टोल फ्री है, इसलिए काउंटरों पर कोई काम नहीं हो रहा था। केवल उनकी कांच की खिड़कियों और कंप्यूटरों को तोड़ा गया। अधिकारी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद करीब एक दर्जन प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया और मामला दर्ज किया गया।  उन्होंने बताया कि गौतम बुद्ध नगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़ और आस पास के इलाकों से आए ये प्रदर्शनकारी करणी सेना, राजपूत उत्थान समिति, क्षत्रीय सभा के सदस्य हैं। 
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यहां भी हुई तोड़फोड़ : पद्मावत को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। देश के कई राज्यों से हिंसा की खबरें सामने आ रही हैं। इंदौर से गुजरात के दाहोद, मेहसाण, वडोदरा, अहमदाबाद, गांधी नगर जाने वाली बसों का संचालन पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। फिल्‍म पद्मावत के विरोध के चलते गुजरात के मेहसाणा में 8 बसों को आग के हवाले किया गया।

मध्यप्रदेश में भारी विरोध : मध्यप्रदेश में भी फिल्म को लेकर राजपूत समाज का भारी विरोध है। प्रदेश भर में राजपूत समाज के लोग सड़कों पर उतर आए। राजधानी भोपाल के लालघाटी चौराहे पर महिलाओं ने यातायात रोककर विरोध प्रदर्शन किया। करणी सेना ने चेतावनी दी है कि किसी भी सूरत में फिल्म प्रदर्शित नहीं होने दी जाएगी। सीहोर में राजपूत समाज के लोगों ने पद्मावत के खिलाफ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा और वाहन रैली निकाली। साथ ही सिनेमाघरों को फिल्म नहीं चलाने के लिए चेतावनी भी दी गई। 
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इंदौर में सोमवार सुबह 11 बजे करणी सेना एवं राजपूत संगठनों के लोगों ने बायपास टोलनाके पर एकत्रि‍त होकर प्रदर्शन किया। यहां प्रदर्शनकारियों ने ट्रैफिक रोक दिया, जिससे लंबा जाम लग गया। मध्यप्रदेश के ही देवास, उज्जैन, रतलाम और अन्य स्थानों पर भी विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। उज्जैन-कोटा रोड पर विरोधस्वरूप आगजनी की खबरें हैं। उज्जैन में ‘पद्मावत’ के रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर करणी सेना के सदस्यों ने यहां कुछ मार्गों को जाम किया, इन्हें बाद में पुलिस ने खुलवा दिया। राजपूत समाज के संगठन करणी सेना के सदस्यों ने फिल्म पद्मावत की रिलीज पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर उज्जैन-नागदा, उज्जैन-देवास और उज्जैन-कोटा मार्ग पर टायर जला दिए। इससे इन मार्गों पर यातायात जाम हो गया। पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर ने बताया कि चक्का जाम को खुलवा दिया गया है। प्रदर्शनकारियों से ज्ञापन लिया गया है तथा उन्हें कानून हाथ में नहीं लेने की समझाइश देकर छोड़ दिया गया है।’’ पुलिस अधीक्षक ने हिंसा की किसी भी घटना से इंकार किया है। 
 
उन्होंने कहा कि सड़कों पर अवरोधों को हटाकर जाम खोल दिया गया है। जहां भी कानून एवं व्यवस्था को तोड़ने की जो भी कोशिश करेगा उसे कानूनन कार्रवाई कर रोका जाएगा। मालूम हो उच्चतम न्यायालय ने पद्मावत की देश में 25 जनवरी को होने वाली रिलीज का रास्ता साफ कर दिया है। इस बीच, राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर कर आज उससे अनुरोध किया है कि विवादित फिल्म पद्मावत की रिलीज से जुड़े अपने 18 जनवरी के फैसले को वह वापस ले ले। उच्चतम न्यायालय के 18 जनवरी के फैसले के आधार पर 25 जनवरी को पूरे देश में फिल्म प्रदर्शित करने की अनुमति मिल गई है।
 
दीपिका को जलाने वाले नेता पर एफआईआर : पद्मावत फिल्म की अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को जिंदा आग में जलाने वाले क्षत्रीय महासभा के अध्यक्ष पर एफआईआर दर्ज की गई है। बरेली संगठन के अध्यक्ष भुवनेश्वर सिंह ने यह धमकी दी थी। 

उच्चतम न्यायालय करेगा सुनवाई :  राजस्थान और मध्यप्रदेश ने उच्चतम न्यायालय में अर्जी दायर कर उससे अनुरोध किया है कि विवादित फिल्म पद्मावत की रिलीज से जुड़े अपने 18 जनवरी के फैसले को वह वापस ले ले। न्यायालय के 18 जनवरी के फैसले के आधार पर 25 जनवरी को पूरे देश में फिल्म प्रदर्शित करने की अनुमति मिल गई है।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चन्द्रचूड़़ ने फिल्म के प्रदर्शन से जुड़े न्यायालय के आदेश में संशोधन की मांग करने वाली दोनों राज्यों की अंतरिम अर्जी पर सुनवायी के लिए कल की तारीख मुकर्रर की है।  राज्यों ने दावा किया है कि सिनेमैटोग्राफ कानून की धारा छह उन्हें कानून-व्यवस्था के संभावित उल्लंघन के आधार पर किसी भी विववादित फिल्म के प्रदर्शन को रोकने का अधिकार देता है। फिल्म के निर्माता वायकॉम18 की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे ने ऐसे मामले में अंतरिम अर्जी पर त्वरित सुनवायी का विरोध किया। हालांकि न्यायालय ने मामले की सुनवाई कल करने को मंजूरी दे दी है। न्यायालय ने अपने 18 जनवरी के आदेश के जरिए पूरे देश में 25 जनवरी को फिल्म रिलीज करने का रास्ता साफ कर दिया था।

अपने आदेश में उसने गुजरात और राजस्थान में फिल्म के प्रदर्शन पर लगी रोक को स्थगित कर दिया था। इस संबंध में हालांकि हरियाणा और मध्यप्रदेश ने कोई औपचारिक अधिसूचना जारी नहीं की है, लेकिन उन्होंने कहा है कि राज्यों में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होगा।

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