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राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस, भाजपा के दांव में क्या फंसेंगे Rahul Gandhi, क्या हो सकती है सजा?

राहुल के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस, भाजपा के दांव में क्या फंसेंगे Rahul Gandhi, क्या हो सकती है सजा?
, बुधवार, 8 फ़रवरी 2023 (13:00 IST)
नई दिल्ली। भाजपा ने प्रधानमंत्री के संबंध में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकसभा में की गईं कुछ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर विचार करने के बाद कार्रवाई की बात कही है।
 
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लोकसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर मंगलवार को शुरू हुई चर्चा में भाग लेने के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा की गईं कुछ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है।
 
सदन में बुधवार को संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने राहुल गांधी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस सदस्य ने सदन के कामकाज के नियम 353 और 369 का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि नियम 353 के तहत उस व्यक्ति पर आरोप नहीं लगाए जा सकते जो अपने बचाव के लिए सदन में उपस्थित नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि नियम के तहत इसके लिए पूर्व में नोटिस देना होता है और लोकसभा अध्यक्ष से पूर्व अनुमति लेनी होती है। इसी तरह नियम 369 के तहत सदन में दिखाये गये किसी कागज को सत्यापित करना होता है जो कांग्रेस सदस्य ने नहीं किया।
 
जोशी ने कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ हमने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। उन्होंने कल सदन में बेबुनियाद आरोप लगाये हैं जिनका (सरकार से) कोई संबंध नहीं है। मैं आसन से आग्रह करता हूं कि उनकी टिप्पणियों को कार्यवाही से हटाया जाए और उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई की जाए। अध्यक्ष बिरला ने कहा कि मैं इस विषय को देखकर कार्रवाई करुंगा।
 
क्या है मामला : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अडाणी समूह से जुड़े मामले का हवाला देते हुए मंगलवार को लोकसभा में आरोप लगाया था कि 2014 में केंद्र की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी के आने बाद ऐसा ‘असली जादू’ हुआ कि आठ वर्षों के भीतर उद्योगपति गौतम अडाणी दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए।
 
सत्तापक्ष के सदस्यों की टोका-टोकी के बीच कांग्रेस नेता ने दावा किया कि देश की सरकार की मदद से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का हजारों करोड़ रुपया अडाणी जी को मिलता है। उन्होंने कहा था कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कहा गया है कि अडाणी जी की विदेश में शेल कंपनियां हैं। इन शेल कंपनियों से भारत में जो पैसा आ रहा है, वह किसका है?
 
भाजपा ने क्यों दिया नोटिस : वहीं, निशिकांत दुबे ने सदन में प्रश्नकाल के बाद कहा कि उन्होंने विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया है। इस पर पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि उनका नोटिस मिला है जो लोकसभा अध्यक्ष के विचाराधीन है। दुबे ने संसद भवन परिसर में कहा कि राहुल गांधी सदन में ‘झूठ का पुलिंदा रखा’ और प्रधानमंत्री पर आक्षेप लगाने का प्रयास किया। ऐसे में मैंने नियम 352 (2), 353 और 369 के अलावा नियम 223 के तहत कही गई बातों की पुष्टि के लिए प्रमाण रखने और प्रमाण नहीं पेश कर पाने की स्थिति में विशेषाधिकार हनन की प्रक्रिया शुरू करने की मांग करने वाला नोटिस दिया है।
 
क्या होता है विशेषाधिकार हनन : सांसदों को कई तरह के निजी, व्यक्तिगत और सामूहिक अधिकार और संरक्षण मिले हैं। ताकि वे अपने दायित्वों के निर्वाहन कारगर तरीके से कर सकें। जब कभी ऐसी स्थिति हो कि इन अधिकारों और संरक्षणों का किसी लोकसभा और राज्यसभा के सांसद के द्वारा उल्लंघन किया जाता है तो उसे विशेषाधिकार हनन की स्थिति कहते हैं। संसद के कानून के तहत यह दंडनीय अपराध माना जाता है।

क्या है विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव : कोई भी सांसद एक प्रस्ताव के रूप में नोटिस देकर किसी ऐसे सदस्य के खिलाफ ला सकता है जिस वह विशेषाधिकार हनन का दोषी मानता है। कानून के अनुसार, दोनों ही सदन को किसी भी पदाधिकारी या प्रतिष्ठित व्यक्ति को अवमानना (विशेषाधिकार हनन सहित) के कार्य पर सजा देने का अधिकार है।
 
क्या होती है सजा : आमतौर पर विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव संसद में पास नहीं होते। बहुत कम मामलों में सजा की अनुशंसा की गई है। सांसदों को अस्थायी रूप से निलंबित किया जा सकता है। यहां तक की सांसद की संसद सदस्यता भी छिनी जा सकती है। 1978 में इंदिरा गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पास किया गया था। इस वजह से उनकी सदस्यता चली गई थी।

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