नई दिल्ली। आयकर विभाग ने कहा है कि नोटबंदी के दौरान 15 लाख रुपए या इससे अधिक की राशि जमा कराने वाले ऐसे करीब दो लाख लोगों को नोटिस जारी किया गया, जिन्होंने आयकर रिटर्न नहीं भरा है। जो लोग नोटिस का जबाव नहीं देंगे, उनके विरुद्ध आयकर कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष एस चंद्रा का कहना है कि नोटबंदी के दौरान कुछ लोगों ने 15 लाख रुपए या इससे अधिक की राशि जमा कराई, लेकिन उन्होंने आयकर रिटर्न नहीं भरा है। ऐसे 1.98 लाख लोगों की पहचान की गई है और इन लोगों को दिसंबर 2017 और जनवरी 2018 में नोटिस जारी किए गए थे लेकिन अब तक कोई जबाव नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि जो लोग नोटिस का जबाव नहीं देंगे, उनके विरुद्ध आयकर कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि कर चोरी, रिटर्न भरने में देरी आदि मामलों को लेकर पिछले तीन महीने में तीन हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।
सीबीडीटी अध्यक्ष ने कहा कि डिजिटाइजेशन को बढ़ावा दिए जाने के मद्देनजर आयकर विभाग ई स्टेटमेंट पर ध्यान केन्द्रित कर रहा है और इस वर्ष परीक्षण के लिए ई स्टेटमेंट शुरू किया गया है। तीन महीने में करीब 60 हजार ई स्टेटमेंट जारी किए गए हैं और आने वाले महीने में इसमें बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा करते हुए 500 रुपए और एक हजार रुपए के पुराने नोटों का प्रचलन बंद कर दिया था। इसके बाद लोगों को बंद किए गए इन नोटों को बैंकों में जमा कराने के लिए कहा गया था। (वार्ता)