Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

Opposition Parties Meeting : 11 माह में पहली बार रहे 'खामोश', बेंगलुरु से चुपचाप लौटे पटना, क्या नीतीश कुमार हैं नाराज?

Opposition Parties Meeting : 11 माह में पहली बार रहे 'खामोश', बेंगलुरु से चुपचाप लौटे पटना, क्या नीतीश कुमार हैं नाराज?
, मंगलवार, 18 जुलाई 2023 (23:58 IST)
पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने मंगलवार को दावा किया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक से जल्दी लौट आए क्योंकि वह नए गठबंधन का संयोजक नहीं बनाए जाने से नाराज थे। वहीं नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने पलटवार करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को ऐसा व्यक्ति करार दिया जो 'हास्यास्पद बयान देता है और जिसे उनकी पार्टी के भीतर भी गंभीरता से नहीं लिया जाता है।
 
यहां जारी एक बयान में, भाजपा नेता ने दावा किया कि कुमार जानबूझकर 'बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शामिल नहीं हुए' क्योंकि वह 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस' (इंडिया) का 'संयोजक' नहीं बनाए जाने से अपमानित महसूस कर रहे थे।
 
उन्होंने दावा किया कि बेंगलुरु में नीतीश विरोधी पोस्टर भी लगाए गए थे जबकि वहां कांग्रेस की सरकार है। सुशील कुमार ने कहा कि विपक्षी दलों की पटना में हुई बैठक में इसी तरह केजरीवाल नाराज होकर दिल्ली लौट गए थे। उन्होंने कहा कि जो लोग चुनाव से पहले न मन मिला पा रहे हैं, न एक चेहरा तय कर पाए, वे देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को कोई चुनौती नहीं दे पाएंगे।
 
उल्लेखनीय है कि पटना की बैठक के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में 'आप' शामिल नहीं हुई थी और बाद में दिल्ली की सेवाओं को उप राज्यपाल के अधीन लाने संबंधी केंद्र के अध्यादेश के मुद्दे पर समर्थन का भरोसा नहीं देने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की थी। बेंगलुरु में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हालांकि कहा कि हमारे कुछ मित्र शामिल नहीं हो रहे हैं क्योंकि उनका लौटने का पूर्व निर्धारित कार्यक्रम हैं
 
नीतीश कुमार के अलावा राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव व उनके बेटे और बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी संवाददाता सम्मेलन में शामिल नहीं हुए। दोनों नीतीश कुमार के साथ बेंगलुरु आए थे। तीनों एक ही उड़ान से लौटे और बिना पत्रकारों से बातचीत किए पटना हवाई अड्डे से रवाना हो गए।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि' भ्रष्ट और परिवारवादी विपक्षी दलों के मंच का नाम 'इंडिया' रखने से इनकी खोटी नीयत छिपने वाली नहीं है। इनके कुलीन, पश्चिम प्रभावित और हिंदू विरोधी 'इंडिया' को करोड़ों गरीबों, पिछड़ों का संस्कृतिनिष्ठ भारत 2024 में मुंहतोड़ जवाब देगा। सुशील ने दावा किया कि 'इंडिया' बनाम 'भारत' की मैच में जीत भारत की होगी।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि 'चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू प्रसाद और चिटफंड घोटाले में लिप्त ममता बनर्जी जैसे दागी लोग जहां जुटे हैं, उस नए मॉल का नाम बदल लेने से खोटा माल खरा सोना नहीं हो जाएगा। इस बीच जदयू के वरिष्ठ नेता और राज्य के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सुशील मोदी के बयान को खारिज करते हुए उनपर 'बे सिर-पैर' का बयान देने का आरोप लगाया।
 
चौधरी ने कहा कि सुशील मोदी को उनकी अपनी ही पार्टी में गंभीरता से नहीं लिया जाता है, जैसा कि उन्हें दरकिनार किए जाने से स्पष्ट है। चौधरी ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा नेता को उपमुख्यमंत्री पद से हटाए जाने का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि 'उन्होंने अतीत में जदयू में विभाजन और हमारी पार्टी का राजद में विलय जैसी अजीबोगरीब भविष्यवाणियां की हैं। ये सभी भविष्यवाणियां गलत साबित हुई हैं लेकिन वह कुछ राजनीतिक प्रासंगिकता हासिल करने की अपनी कोशिश में लगे हुए हैं। हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

राहुल और ममता को दिया गया विपक्षी गठबंधन का नाम 'इंडिया' रखने का श्रेय