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वित्त विधेयक लोकसभा में ध्वनिमत से पारित, 23 संशोधनों को भी सदन ने दी मंजूरी

वित्त विधेयक लोकसभा में ध्वनिमत से पारित, 23 संशोधनों को भी सदन ने दी मंजूरी
, गुरुवार, 18 जुलाई 2019 (20:16 IST)
नई दिल्ली। वित्त विधेयक को लोकसभा ने गुरुवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया और इसके साथ ही वित्त वर्ष 2019-20 के आम बजट को सदन की मंजूरी मिल गई।
 
सदन ने लगभग 5 घंटे चली चर्चा के बाद विधेयक को 8 नए खंडों के साथ पारित कर दिया। सरकार की तरफ से इसमें लाए गए 23 संशोधनों को भी सदन ने मंजूरी दी जबकि विपक्ष के सभी 5 संशोधन अस्वीकृत कर दिए गए। अस्वीकृत संशोधनों में पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क तथा सड़क एवं बुनियादी ढांचा उपकर वापस लेने संबंधी संशोधन भी शामिल थे।
 
चर्चा का जवाब देते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों पर कहा कि बजट के प्रावधानों का उद्देश्य कारोबार को आसान बनाना तथा 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देना है ताकि देश का युवा रोजगार लेने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बन सके।
 
उन्होंने कहा कि 2 और 5 करोड़ रुपए से ज्यादा की वार्षिक व्यक्तिगत आय पर प्रभावी कर बढ़ाने से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। कंपनी के रूप में संगठित एफपीआई इसके दायरे में नहीं आएंगे। सिर्फ व्यक्तिगत निवेशक और ट्रस्ट ही इसके दायरे में आएंगे।
 
उन्होंने रिजर्व बैंक (आरबीआई) अधिनियम में किए गए संशोधनों का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कहा कि इनका उद्देश्य केंद्रीय बैंक को गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के नियमन के ज्यादा अधिकार देना है। इनमें प्रावधान है कि आरबीआई कभी भी एनबीएफसी के निदेशक मंडल के अधिकार छीन सकता है, उनके निदेशकों और ऑडिटरों को हटा सकता है, उसका विभाजन कर सकता है या उस पर बड़ा जुर्माना लगा सकता है।
 
चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों ने पेट्रोल तथा डीजल पर बढ़ाए गए उत्पाद शुल्क और सड़क एवं बुनियादी ढांचा उपकर वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि सोने पर सीमा शुल्क में ढाई प्रतिशत की बढ़ोतरी भी वापस ली जानी चाहिए लेकिन वित्तमंत्री ने इन मांगों को स्वीकार नहीं किया।
 
सालाना 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकद निकासी पर स्रोत पर ही 2 प्रतिशत कर (टीडीएस) काटने से छोटे चाय बागान मालिकों के प्रभावित होने की विपक्ष की चिंताओं को गलत बताते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि प्रतिमाह लगभग 8 लाख रुपए की नकद निकासी का प्रावधान इसके बाहर है इसलिए छोटे चाय बागान मालिकों पर असर नहीं पड़ेगा तथा सरकार चाहती है कि बड़े चाय बागान मालिक ज्यादा से ज्यादा डिजिटल भुगतान करें।
 
सीतारमण ने कहा कि बीमा अधिनियम में संशोधन का उद्देश्य शाखा खोलने के नियमों को आसान बनाना है। केंद्रीय सड़क एवं बुनियादी ढांचा कोष अधिनियम में संशोधन का उद्देश्य सिर्फ कुछ बिंदुओं को ज्यादा स्पष्ट बनाना है। इसमें कोई नया प्रावधान नहीं किया गया है।
 
विपक्ष की ओर से रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य एनके प्रेमचंद्रन ने वित्त विधेयक में 3 तथा बीजू जनता दल के भर्तृहरि महताब ने 2 संशोधन पेश किए। विपक्ष के सभी 5 संशोधन ध्वनिमत से अस्वीकार कर दिए गए।
 
विधेयक के कई प्रावधान इस साल 1 अप्रैल और कुछ 5 जुलाई से ही प्रभावी हो गए हैं जबकि अन्य प्रावधानों में अधिकतर 1 सितंबर से प्रभाव में आएंगे। कुछ प्रावधान 1 नवंबर से प्रभावी होंगे। वित्त विधेयक पारित होने के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में मौजूद थे।
 
बजट 5 जुलाई को संसद में पेश किया गया था। आम बजट पर सदन में 17 घंटे 23 मिनट चर्चा चली। रेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर 13 घंटे, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर 7 घंटे 44 मिनट और युवा मामले एवं खेल मंत्रालय की अनुदान मांगों पर 4 घंटे 14 मिनट तक चर्चा चली।
 
ग्रामीण विकास और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की अनुदान मांगों पर एकसाथ चर्चा हुई, जो 10 घंटे 36 मिनट चली। अन्य मंत्रालयों और विभागों की अनुदान मांगों को बिना चर्चा के एकसाथ (गिलोटिन) बुधवार को पारित किया गया। (वार्ता)

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