नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि उसे 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक के पीएनबी घोटाले में आरोपी नीरव मोदी की तरफ से एक तरह से उस कारण बताओ नोटिस के मिलने का कबूलनामा मिल गया है जिसमें पूछा गया था कि उनका पासपोर्ट क्यों न रद्द कर दिया जाए। अब नोटिस को उस ई-मेल आईडी पर भेज दिया गया है, जिस पर ऐसा करने का आग्रह किया गया था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार का बयान नीरव और उनके मामा तथा गीतांजलि समूह के कर्ताधर्ता मेहुल चौकसी को नोटिस का जवाब देने के लिए दिए गए एक हफ्ते का समय समाप्त होने से एक दिन पहले आया है। नीरव मोदी के ठिकाने के बारे में पूछे जाने पर रवीश कुमार ने कहा, ‘मामला कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सम्मुख आना चाहिए।
मंत्रालय के इस मामले में आने से पहले कुछ जांच और कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करना जरूरी है।’ नीरव को भेजे गए नोटिस के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, उन्होंने एक तरह से इस रूप में बात मानी है कि नोटिस किस पते पर भेजा जाना था इसे लेकर कुछ संशय की स्थिति थी। एक विशेष ई-मेल आईडी पर नोटिस भेजने का अनुरोध प्राप्त हुआ था। उसी अनुसार नोटिस उक्त ई-मेल आईडी पर भेज दिया गया।’
कुमार ने यह भी कहा कि जांच एजेंसियों की सलाह पर मंत्रालय ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के पासपोर्ट निलंबित कर दिए। उन्होंने कहा, ‘उन्हें एक निश्चित समय में जवाब देना है। अगर वे जवाब नहीं देते तो हम आगे कार्रवाई करेंगे।
कुमार ने कहा कि अगर हम नोटिस उनके पते पर भेज देते हैं, कई बार हम उनके ई-मेल पर भी इसे भेजते हैं, ताकि उन्हें पत्र मिलने की बात पुष्ट हो, तो वे नोटिस मिलने के एक निश्चित समय के भीतर जवाब देने के लिए बाध्य हैं।’ प्रवक्ता ने कहा, ‘अगर जवाब संतोषजनक नहीं होते तो पासपोर्ट रद्द किया जाता है। अगर वह जवाब नहीं देते तो भी यही होता है।’ (भाषा)