राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश, बिहार समेत कई राज्यों में 17 ठिकानों पर छापेमारी की।
एनआईए के अधिकारी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब और गोवा में तलाशी ले रहे हैं। आरोप है कि कई नेताओं के जेल जाने के बाद पीएफआई ने एक बार फिर संगठन को मजबूत बनाने का काम शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सितंबर 2022 में अधिसूचना जारी पीएफआई पर 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। पीएफआई पर ISIS जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठन से संबंध रखने, आतंकी फंडिंग व हिंसक गतिविधियों में संलिप्तता के आरोप हैं।
मार्च 2023 में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने प्रभावशाली मुस्लिम युवकों को कथित रूप से भड़काने और कट्टरपंथी बनाने, उन्हें भर्ती करने और विशेष रूप से आयोजित प्रशिक्षण शिविरों में हथियारों का प्रशिक्षण देने को लेकर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के 5 सदस्यों के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया था।
एजेंसी ने आपराधिक साजिश, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने को लेकर शैक रहीम, शैक वाहिद अली, जफरुल्ला खान पठान, शेख रियाज अहमद और अब्दुल वारिस के खिलाफ हैदराबाद की एक विशेष अदालत में गुरुवार को दायर पूरक आरोप पत्र में कड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लेख किया।
NIA ने दावा किया था कि पीएफआई का उद्देश्य 2047 तक देश में इस्लामिक शासन स्थापित करने की साजिश को आगे बढ़ाने के लिए हिंसक आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देना है।