नई दिल्ली। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने प्रतिबंधित पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) के स्वयंभू सुप्रीमो दिनेश गोपे को गिरफ्तार किया है। एनआईए के एक प्रवक्ता ने रविवार को यह जानकारी दी। पीएलएफआई मुख्य रूप से झारखंड में सक्रिय है और यह माओवादियों से अलग होकर बना एक संगठन है।
अधिकारी ने बताया कि गोपे उर्फ कुलदीप यादव उर्फ बड़कू के खिलाफ 100 से अधिक आपराधिक मामले हैं और गिरफ्तारी के लिए उसका सुराग देने वालों को 30 लाख रुपए इनाम देने की घोषणा की गयी थी। गोपे को दिल्ली में गिरफ्तार किया गया।
प्रवक्ता ने बताया कि गोपे झारखंड के खूंटी जिले का निवासी है और 2018 में एनआईए ने पीएलएफआई कार्यकर्ताओं से 25.38 लाख रुपये के पुराने अमान्य नोटों की बरामदगी से संबंधित एक मामले में उसके खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था। अधिकारी ने कहा कि वह करीब दो दशक से फरार था।
एनआईए की रांची शाखा पीएलएफआई के खिलाफ तीन मामलों की जांच कर रही है, जिसे पूर्व में झारखंड लिबरेशन टाइगर्स (जेएलटी) के नाम से जाना जाता था।
एनआईए के अनुसार पीएलएफआई झारखंड में सैकड़ों आतंकी घटना के लिए जिम्मेदार है।
प्रवक्ता ने कहा कि झारखंड, बिहार और ओडिशा में गोपे के खिलाफ 102 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें से अधिकांश मामले हत्या, अपहरण, धमकी, जबरन वसूली और पीएलएफआई के लिए धन जुटाने से संबंधित हैं, जो झारखंड में 2007 में गठित एक उग्रवादी माओवादी संगठन है और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी (सीपीआई-माओवादी) से अलग होकर बना समूह है।
अधिकारी ने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा घोषित 25 लाख रुपये के इनाम के अलावा एनआईए ने गोपे के बारे में सूचना देने वालों के लिए पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
पिछले साल 3 फरवरी को झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के गुदरी थाना क्षेत्र के वन क्षेत्र में गोपे के नेतृत्व वाले पीएलएफआई दस्ते और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। भाषा Edited By : Sudhir Sharma