नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के नोएडा और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रध्वज के अपमान के मुद्दे पर सरकार ने बुधवार को कहा कि यदि तिरंगे का अपमान हुआ तो कार्रवाई जरूर होगी।
विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर ने लोकसभा में पूछे गए एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि राष्ट्रीय प्रतीक चिह्नों और नामों का गलत इस्तेमाल रोकने लिए वर्ष 1950 में कानून बना था, जिसमें वर्ष 2011 में कुछ सुधार किए गए थे। साथ ही इंडियन फ्लैग कोड, 2002 के तहत भारत में कारोबार करने वाले ई-कॉमर्स पोर्टलों पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। एक पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यदि तिरंगे का अपमान हुआ तो कार्रवाई जरूर की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि नोएडा में एक कंपनी में कार्यरत एक चीनी पदाधिकारी द्वारा तिरंगे को फाड़ने की एक घटना मंगलवार को सामने आई थी। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में अकबर ने कहा कि तिरंगे की तस्वीर के साथ ई-पोर्टल अमेजन पर अमेरिका और कनाडा में पायदान और चप्पल जैसे कुछ उत्पाद बिक्री के लिए रखे गए थे। इस साल 11 जनवरी को इसके बारे में जब सरकार को पता चला तो विदेश मंत्रालय ने अमेजन इंडिया कार्यालय के समक्ष इस मसले को उठाया।
उन्होंने कहा कि अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी और कनाडा की राजधानी ओटावा में भी भारतीय दूतावासों ने अमेजन के पदाधिकारियों के समक्ष अपनी आपत्ति उठाई। अमेजन के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेफ बेजोस के समक्ष भी यह मुद्दा उठाया गया और 24 घंटे के अंदर इन उत्पादों को अमेजन के पोर्टल से हटा दिया गया।
मंत्री ने बताया कि अमेजन ने स्वयं पहल करते हुए कहा है कि वह एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाएगी जिससे भविष्य में इस तरह की घटना न हो। इस घटना के बाद कंपनी ने प्रतीकों और नामों संबंधी कानूनों को अपनी वैश्विक अनुपालना प्रक्रिया का हिस्सा बना दिया है। उन्होंने कहा कि अभी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा कोई कानून नहीं है और भारतीय कानून भारत की सीमा के अंदर तथा विदेशों में रह रहे भारतीयों पर ही लागू होता है। (वार्ता)