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मोदी बोले, अर्थव्यवस्था को मिलेगी नई ताकत, किए जाएंगे सुधार...

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शनिवार, 4 नवंबर 2017 (19:01 IST)
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा कि देश के व्यापार जगत को और भारत की अर्थव्यवस्था को नई ताकत देने के लिए आवश्यक सुधार किए जाएंगे।
 
मोदी ने यहां कारोबारी सुगमता पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने को लेकर लोगों को संशय था कि 1 जुलाई से इसे क्रियान्वित किया जाएगा या नहीं, लेकिन, 1 जुलाई से जब यह लागू हुआ तो व्यापारियों को लगा कि अब मर गए। तब सरकार ने कहा था कि तीन महीने जीएसटी की बारीकियों को देखने दिया जाए, क्योंकि हिन्दुस्तान बहुत बड़ा है। 
 
उन्होंने कहा कि सिर्फ दिल्ली में बैठने वालों की समझ ही बेहतर नहीं है, बल्कि देश के सामान्य मानव के पास भी समझ है और उनसे समझने, सीखने, कठिनाइयों का अनुमान लगाने और तीन महीने के बाद जीएसटी पर विस्तृत चर्चा करने की बात कही गई थी।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि तीन महीने बाद जब जीएसटी परिषद की बैठक हुई तो उसमें जुलाई के बाद जितनी कठिनाइयां आईं उन पर चर्चा की गई और समाधान पर काम शुरू किया गया और राज्यों के मंत्रियों तथा अधिकारियों की समितियां बनाई गईं। 
उन्होंने कहा कि शब्दसह रिपोर्ट अभी उनके पास नहीं आई है, लेकिन जीएसटी परिषद ने मंत्रियों की जो समिति बनाई थी उसने कारोबारियों की अधिकांश समस्याओं पर गौर किया है और व्यापारियों के सुझावों को सकारात्मकता के साथ स्वीकार किया जा रहा है। 
 
मोदी ने कहा कि 9 और 10 नवंबर को जीएसटी परिषद की बैठक हो रही है उसमें अगर कोई राज्य कठिनाई पैदा नहीं करेगा तो भारत के व्यापार जगत को और देश की आर्थिक व्यवस्था को नई ताकत देने में जो भी आवश्यक सुधार होंगे, वे किए जाएंगे।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक नई व्यवस्था को स्वीकार करना होता है और वर्षों पुरानी व्यवस्था से बाहर निकलना होता है। उन्होंने कहा कि जीएसटी इस बात का भी एक उत्तम उदाहरण बनने वाला है कि सबकी भावनाओं का आदर करते हुए व्यवस्थाओं को पूरी तरह कारगर कैसे बनाया जा सकता है।
 
उन्होंने कहा कि विश्व बैंक की कारोबारी सुगमता रिपोर्ट में मई 2017 तक के ही सुधार शामिल हैं जबकि जीएसटी 1 जुलाई से लागू हुआ है। इसलिए यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब 2018 में इस पर चर्चा होगी तो जो उपाय किए गए वे भी जुड़ेंगे। (वार्ता)

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