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मौत को सामने देख नहीं लग रहा है डर पर बचना मुश्किल, मां के लिए बनाया वीडियो...

मौत को सामने देख नहीं लग रहा है डर पर बचना मुश्किल, मां के लिए बनाया वीडियो...
, बुधवार, 31 अक्टूबर 2018 (13:05 IST)
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 30 अक्टूबर को नक्सलियों ने दूरदर्शन की टीम पर हमला कर दिया था। हमले में दूरदर्शन के एक कैमरामैन सहित 2 जवान शहीद हो गए। इस बीच दूरदर्शन की टीम में शामिल अन्य लोगों ने सड़क के पास एक गड्ढे में छुपकर अपनी जान बचाई। इस बीच मौत को सामने देख टीम के एक असिस्टेंट कैमरामैन ने अपनी मां के नाम एक वीडियो संदेश जारी किया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।
 
छत्तीसगढ़ के धुर नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा जिले के अरनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत नीलावाया गांव में दिल्ली से आए 3 मीडियाकर्मी समाचार कवरेज के लिए जा रहे थे। जब मीडियाकर्मी गांव के करीब थे तभी नक्सलियों ने गोलीबारी कर दी जिसमें कैमरामैन अच्युतानंद साहू की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई, वहीं इस घटना में 2 पुलिसकर्मी भी शहीद हुए हैं।
 
वीडियो में उसने घटना का जिक्र करते हुए कैमरामैन मोरमुकुट शर्मा अपनी मां से कह रहा है कि हमला हो गया है। मम्मी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं। हो सकता है, मैं हमले में मारा जाऊं। जब कैमरामैन घटनास्थल पर अपना वीडियो बना रहा था, उस समय नक्सली लगातार गोलीबारी कर रहे थे, साथ ही पत्रकारों पर हैंड ग्रेनेड फेंके जा रहे थे। मौत को सामने देख कैमरामैन ने हिम्मत नहीं हारी और मां के नाम अपना वीडियो संदेश बनाया। बोलते समय मोरमुकुट का गला सूख रहा था।
 
पत्रकार धीरज मान रहे हैं दूसरा जन्म : नक्सली हमले में अपने साथी को खो चुके दूरदर्शन के पत्रकार धीरज कुमार को मंगलवार का मंजर उम्रभर डराता रहेगा। धीरज इसे अपना दूसरा जन्म मान रहे हैं। दूरदर्शन के पत्रकार और इस घटना के गवाह धीरज कुमार बिहार के बेगूसराय के निवासी हैं।
 
37 वर्षीय कुमार ने बताया कि राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव में रिपोर्टिंग के लिए आई उनकी टीम पिछले 2 दिनों से दंतेवाड़ा क्षेत्र में है। मंगलवार को उन्होंने नीलावाया गांव जाने का फैसला किया था। उन्हें जानकारी मिली थी कि गांव में 20 साल में पहली बार मतदान होगा। यह समाचार वे लोगों तक पहुंचाना चाहते थे।
उन्होंने बताया कि वे लोग करीब 10.30 बजे नीलावाया गांव के करीब थे तभी नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। इस घटना में साहू को गोली लगी और वे वहीं गिर गए। धीरज के मुताबिक जब साहू जमीन पर गिरे तब उन्हें लगा कि वे किसी कारणवश गिरे हैं। लेकिन जब गोली चलने की आवाज आने लगी और पैर के करीब से गोली निकली तब समझ में आया कि नक्सली हमला हुआ है। इसके बाद वे गड्ढे में छिप गए।
 
उन्होंने बताया कि नक्सली बड़ी संख्या में गोलीबारी कर रहे थे और हथगोले भी फेंक रहे थे। इस दौरान 4-5 हथगोले भी फटे। इधर से पुलिस जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी। लगभग 45 मिनट तक गोली चलने के बाद पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव अतिरिक्त बल लेकर वहां पहुंचे और लगातार कार्रवाई करते रहे। पुलिस की कार्रवाई को देखते हुए नक्सली वहां से फरार हो गए और उनकी जान बच सकी।
 
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी घटना है जिसे वे जीवन में कभी नहीं भूल पाएंगे। अपने साथी के बिछड़ने का गम जिंदगीभर रहेगा। यह उम्रभर डराता रहेगा। यह हमारा दूसरा जन्म है!

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