नई दिल्ली। दक्षिण पश्चिम मानसून निर्धारित समय से करीब दो सप्ताह पहले पूरे देश में पहुंच चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है।
भारतीय मौसम विभाग ने कहा, ‘दक्षिण पश्चिम मानसून राजस्थान, हरियाणा और पंजाब के बाकी हिस्सों में आगे बढ़ गया है और यह आज 26 जून को पूरे देश में पहुंच गया।’ बंगाल की खाड़ी में कम दबाव के क्षेत्र जो पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ा, और मध्य भारत के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण से मानसून को आगे बढ़ने में मदद मिली।
मानसून आमतौर पर एक जून को केरल पहुंचता है और इसे पश्चिमी राजस्थान के श्रीगंगानगर पहुंचने में 45 दिन का समय लगता है जो कि देश में इसका आखिरी स्थान है। 2013 में मानसून 16 जून को पूरे देश में पहुंच गया था। उसी समय उत्तराखंड में भीषण बाढ़ भी आयी थी। भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा, ‘2013 के बाद, मानसून इस वर्ष इतनी तेजी से देश में छाया है।’
विभाग ने कहा कि इन मौसम पैटर्न के कारण, 26 से 27 जून को बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर भारी से अत्यंत भारी वर्षा होने की आशंका है। 28-29 जून को भी मूसलाधार बारिश की आशंका है।
असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर 2.53 लाख लोग प्रभावित : असम में शुक्रवार को बाढ़ का पानी राज्य के 16 जिलों में प्रवेश कर गया। राज्य में बाढ़ से 2.53 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि इसमें एक और व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद मृतकों की संख्या बढ़ कर 16 हो गई।
राज्य में धेमाजी सार्वधिक प्रभावित जिला है और इसके बाद तिनसुकिया, माजुली और डिब्रूगढ़ भी बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के मुताबिक, डिब्रूगढ़ में बाढ़ ने एक और व्यक्ति की जान ले ली।
अधिकारियों ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी और इसकी सहायक नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और इसके चलते धेमाजी, लखीमपुर, बिश्वनाथ, उदलगुड़ी, दरंग, बक्सा, कोकराझार, बारपेटा, नागांव, गोलाघाट, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिले बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।