नई दिल्ली। मौसम विभाग के डेटा से खुलासा हुआ है कि देश के 25 प्रतिशत से कम हिस्से में अब तक सामान्य या अधिक बारिश हुई है। इसके साथ ही मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि सप्ताहांत मानसून गतिविधि ने जोर पकड़ लिया और मानसून धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। भीषण गर्मी का सामना कर रहे मध्य और उत्तर भारत के मैदानी इलाकों को अगले दो-तीन दिन में कुछ राहत मिलने की संभावना है।
मौसम विज्ञान विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि उत्तर- पश्चिमी भारत के ऊपर मानसून से पहले की बारिश के लिए 27 जून से स्थितियां अनुकूल होने जा रही हैं। दिल्ली में मानसून के 29 जून को पहुंचने की उम्मीद है जो राष्ट्रीय राजधानी के लिए मानसून पहुंचने की सामान्य तिथि है।
दक्षिण पश्चिमी मानसून निर्धारित सामान्य तिथि से तीन दिन पहले 29 मई को पहुंचा और केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र तथा दक्षिणी गुजरात के तटीय इलाकों में बारिश हुई। हालांकि कल तक कुल मिलाकर बारिश सामान्य से 10 प्रतिशत कम रही। देश के चार मौसम विभागीय मंडलों में से केवल दक्षिणी प्रायद्वीप ही ऐसा क्षेत्र रहा जहां 29 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई।
पूर्वी-पूर्वोत्तर और उत्तर-पश्चिमी भारत में क्रमश: 29 और 24 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई। भारत के 36 मौसम विभागीय उपमंडलों में से 24 उपमंडलों में ‘कम’ और ‘बहुत कम’ बारिश हुई। इसका मतलब है कि देश के 25 प्रतिशत से कम हिस्से में ‘सामान्य’ या ‘अधिक’ बारिश हुई।
महापात्र ने कहा कि ‘मानसून 23 जून से मजबूत हुआ है। आज यह गुजरात के सौराष्ट्र (क्षेत्र), वेरावल, अहमदाबाद और महाराष्ट्र के अमरावती की ओर बढ़ गया। पूर्वी दिशा में यह समूचे असम, उत्तर पश्चिमी बंगाल में जलपाईगुड़ी और दक्षिणी बंगाल में मिदनापुर पहुंच चुका है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में 27 जून को मानसून से पहले की बारिश होगी। उन्होंने बताया कि अगले 48 घंटों में ओडिशा, पश्चिम बंगाल के शेष हिस्सों, गुजरात, मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों तथा महाराष्ट्र के शेष हिस्सों और पूर्वी उत्तरप्रदेश में बारिश होगी।
अगले 24 घंटों में यहां हो सकती है बारिश : अगले 24 घंटो के दौरान असम, मेघालय, उपहिमालयीन पश्चिम बंगाल, गुजरात, कोंकर, गोवा, अरुणाचल, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, सिक्किम, गांगेय पश्चिम बंगाल, बिहार, पश्चिमी मध्य प्रदेश, सौराष्ट्र, मराठवाड़ा और तटीय कर्नाटक में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में छिटपुट स्थानों पर धूलभरी आंधी अथवा गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। (वार्ता)