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LOC के ऊंचाई वाले दर्रों पर बिछी बर्फ की चादर, सेना का बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू

LOC के ऊंचाई वाले दर्रों पर बिछी बर्फ की चादर, सेना का बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू

सुरेश एस डुग्गर

जम्मू , शुक्रवार, 22 नवंबर 2024 (11:09 IST)
Jammu and Kashmir news : सर्दियों के मौसम के आने और ऊंचाई वाले दर्रों पर बर्फ की चादर बिछने के कारण घुसपैठ विरोधी अभियान को और मजबूत किया गया है तथा कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LOC) पर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं।

सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बर्फ गिरने से पहले घुसपैठ की कोशिशें, कठोर सर्दियों के कारण पारंपरिक मार्गों के बंद होने से पहले अनुकूल मौसम की स्थिति के अंतिम चरण का फायदा उठाने की रणनीति का हिस्सा हैं।

उत्तरी कश्मीर में तैनात एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के बकौल, बर्फबारी से दर्रे बंद होने से पहले उत्तरी कश्मीर में घुसपैठ की गतिविधियां असामान्य रूप से अधिक रहती हैं। उनका कहना था कि ये जानबूझकर, आखिरी समय में की जाने वाली कोशिशें हैं, ताकि बर्फ गिरने से पहले अधिक से अधिक आतंकवादियों को भेजा जा सके।
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बढ़ती गतिविधियों के जवाब में सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने एलओसी पर घुसपैठ विरोधी ग्रिड को और कड़ा कर दिया है। एक अन्य अधिकारी का कहना था कि अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया गया है और सीमा पार हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है। कुछ क्षेत्रों में खराब दृश्यता के बावजूद ग्रिड 24/7 चालू रहता है।

सेनाधिकारियों का कहना था कि सेना की गहन गश्त और उन्नत निगरानी तकनीक की तैनाती से पहले ही परिणाम सामने आ चुके हैं। वे कहते थे कि एलओसी के पास हाल ही में हुई कई मुठभेड़ों में सीमा पार करने की कोशिशों को नाकाम किया गया।
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वरिष्ठ सेनाधिकारी कहते थे कि हमने पिछले दो महीनों में घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम किया है।घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने कहा कि घुसपैठ की कोशिशों वाले संदिग्ध इलाकों में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चल रहा है। एक अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा कि सैनिक एलओसी के पास घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों की तलाशी ले रहे हैं। इलाका चुनौतीपूर्ण है। चुनौतीपूर्ण इलाके और मौसम की स्थिति के बावजूद हमने आतंकवादियों की घुसपैठ की रणनीति का मुकाबला करने के लिए महत्वपूर्ण समायोजन किए हैं।

सेना, अर्धसैनिक बलों और पुलिस के बीच समन्वय के साथ अभियान चलाए जा रहे हैं। वे बताते थे कि ड्रोन और थर्मल इमेजिंग डिवाइस विशेष रूप से रात के समय आवाजाही पर नजर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां कहा कि घुसपैठ की संभावना तेजी से कम हो रही है क्योंकि आने वाले हफ्तों में प्रमुख पर्वतीय दर्रों पर बर्फबारी होने की उम्मीद है। यह प्राकृतिक अवरोध पारंपरिक रूप से घुसपैठियों और सैनिकों दोनों की आवाजाही को रोकता है।
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वे कहते थे कि बर्फबारी हमारे लिए फायदेमंद होगी। लेकिन तब तक हम अपनी चौकसी कम नहीं कर सकते। अधिकारी कहते थे कि पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों ने मौसम के हिसाब से घुसपैठ की कोशिशें की हैं। ये समूह सर्दियों के आने से पहले अपनी संख्या को अधिकतम करने की कोशिश कर रहे हैं। वे दावा करते थे कि अब सुरक्षा बल उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देंगे।

पुलिस अधिकारी का कहना था कि किसी भी सफल घुसपैठ से सर्दियों के महीनों में कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है। वे कहते थे कि हमारा ध्यान यह सुनिश्चित करने पर है कि एक भी आतंकी घुसपैठ न कर सके और कश्मीर में कड़ी मेहनत से अर्जित शांति को बाधित न करे।

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