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मराठी, बंगाली समेत 5 भाषाओं को मिला शास्त्रीय भाषा का दर्जा, एक्स पर क्या बोले PM मोदी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 (22:45 IST)
Marathi, Bengali, Pali, Prakrit And Assamese Get Classical Language Status : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को मराठी, बांग्ला और असमिया सहित पांच भाषाओं को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने पर खुशी जताई और कहा कि उनके नेतृत्व वाली सरकार क्षेत्रीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर अटूट रही है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पाली और प्राकृत भाषा को भी शास्त्रीय दर्जा प्रदान करने को मंजूरी दी।
 
मोदी ने इस फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए 'एक्स' पर सिलसिलेवार पोस्ट किए और कहा कि ये सभी भाषाएं सुंदर हैं और देश की जीवंत विविधता को रेखांकित करती हैं।
 
उन्होंने इसके लिए सभी को बधाई देते हुए कहा, "हमारी सरकार भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति को महत्व देती है और उसका जश्न मनाती है। हम क्षेत्रीय भाषाओं को लोकप्रिय बनाने की अपनी प्रतिबद्धता पर भी अटूट रहे हैं।"
 
मराठी को अभूतपूर्व और भारत का गौरव करार देते हुए उन्होंने महाराष्ट्र के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा, "यह सम्मान हमारे देश के इतिहास में मराठी के समृद्ध सांस्कृतिक योगदान को मान्यता देता है। मराठी हमेशा से भारतीय विरासत की आधारशिला रही है। मुझे विश्वास है कि शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने से कई और लोग इसे सीखने के लिए प्रेरित होंगे।"
 
उन्होंने कहा कि असमिया संस्कृति सदियों से फूलती-फलती रही है और इसने देश एक समृद्ध साहित्यिक परंपरा दी है। उन्होंने कहा, "कामना है कि आने वाले समय में यह भाषा और भी लोकप्रिय होती रहे। मेरी बधाई।"
 
बांग्ला को महान भाषा करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि इसे दुर्गा पूजा के शुभ समय के दौरान शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है।
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Marathi is India’s pride.

Congratulations on this phenomenal language being accorded the status of a Classical Language. This honour acknowledges the rich cultural contribution of Marathi in our nation’s history. Marathi has always been a cornerstone of Indian heritage.

I am…

— Narendra Modi (@narendramodi) October 3, 2024 >
उन्होंने कहा, "बांग्ला साहित्य ने अनगिनत लोगों को वर्षों से प्रेरित किया है। मैं विश्व भर के सभी बांग्ला भाषियों को इसके लिए बधाई देता हूं।’’ पाली और प्राकृत भारत की संस्कृति के मूल में बसी भाषाएं करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये आध्यात्मिकता, ज्ञान और दर्शन की भाषाएं भी हैं। उन्होंने कहा, "ये भाषाएं अपनी साहित्यिक परंपराओं के लिए भी जानी जाती हैं। शास्त्रीय भाषाओं के रूप में इन्हें जो मान्यता दी गई है, यह भारतीय विचार, संस्कृति और इतिहास पर उनके कालातीत प्रभाव का सम्मान है।"
 
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उन्हें शास्त्रीय भाषाओं के रूप में मान्यता देने के मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद और अधिक लोग उनके बारे में जानने के लिए प्रेरित होंगे।

कांग्रेस ने पूछा चुनाव से पहले लंबी नींद से क्यों जागे पीएम : कांग्रेस ने को दावा किया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने की मांग को स्वीकार किया, जबकि उनकी सरकार लंबे समय से इस विषय पर चुप्पी साधे हुए थी। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि यह फैसला लेने में आख़िर इतनी देर क्यों हुयी।
 
रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, "प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने आख़िरकार मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्ज़ा दे दिया। आप घटनाक्रम समझिए। 5 मई, 2024 को, हमने प्रधानमंत्री को वर्ष 2014 के जुलाई महीने में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण द्वारा केंद्र सरकार को सौंपी गई पठारे समिति की रिपोर्ट की याद दिलाई।"
 
उन्होंने कहा कि 12 मई, 2024 को संसद और संसद के बाहर रजनी पाटिल एवं महाराष्ट्र के अन्य नेताओं द्वारा किए गए प्रयासों के बावजूद, इस मांग पर सरकार की लंबी चुप्पी बनी रही।
 
रमेश के अनुसार, ‘‘13 मई, 2024 को हमने सार्वजनिक रूप से 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए "इंडिया" गठबंधन के प्रचार अभियान के हिस्से के रूप में मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्ज़ा देने का संकल्प लिया।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘9 जुलाई, 2024 को हमने केंद्र सरकार द्वारा शास्त्रीय भाषा का दर्ज़ा प्रदान करने के मानदंडों को संशोधित करने के संदिग्ध प्रयास और मराठी के लिए इसकी मांग पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को चिह्नित किया।’’
 
कांग्रेस नेता का कहना है कि 26 सितंबर, 2024 को, जिस दिन प्रधानमंत्री का पुणे दौरा होने वाला था, उन्हें लंबे समय से लंबित इस मांग की याद दिलाई गई। रमेश ने कहा, "3 अक्टूबर 2024 को, आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में होने जा रही निश्चित हार से कुछ हफ़्ते पहले, प्रधानमंत्री अंततः अपनी लंबी नींद से जाग गए।" भाषा

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