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Maratha Reservation : मनोज जरांगे को नहीं मिली प्रदर्शन की अनुमति, मुंबई पुलिस ने थमाया नोटिस

Maratha Reservation : मनोज जरांगे को नहीं मिली प्रदर्शन की अनुमति, मुंबई पुलिस ने थमाया नोटिस

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मुंबई , गुरुवार, 25 जनवरी 2024 (19:52 IST)
Manoj Jarange did not get permission to protest : मुंबई पुलिस ने गुरुवार को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे को नोटिस जारी करके कहा कि शहर का कोई भी मैदान इतनी भारी भीड़ को समायोजित नहीं कर सकता है और उन्हें अपना आंदोलन नजदीकी नवी मुंबई में करना चाहिए। जरांगे अपने हजारों समर्थकों के साथ महाराष्ट्र की राजधानी की तरफ बढ़ रहे हैं।
 
जरांगे ने शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अपना विरोध प्रदर्शन शुरू करने की योजना बनाई है। पुलिस ने सुझाव दिया है कि वह नवी मुंबई के खारघर इलाके में ‘इंटरनेशनल कॉर्पोरेट पार्क’ का विकल्प चुनें। यह नोटिस आजाद मैदान पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 149 के तहत जारी किया गया। यह धारा पुलिस को संज्ञेय अपराधों को रोकने के लिए कदम उठाने की शक्ति देती है।
 
नोटिस में कहा गया है कि जरांगे को आंदोलन करने के संबंध में समय-समय पर उच्चतम न्यायालय और बंबई उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्देशों का पालन करना चाहिए और यदि प्रदर्शनकारी इन निर्देशों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो इसे अदालत की अवमानना ​​माना जाएगा।
 
बीस जनवरी को हजारों समर्थकों के साथ जालना जिले से मुंबई की ओर मार्च पर निकले जरांगे मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार नौकरियों और शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण दे।
 
शिंदे-भाजपा सरकार ने मराठों को गुमराह किया : कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व वाले आंदोलन के संदर्भ में गुरुवार को कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार ने आरक्षण पर मराठों को गुमराह किया और यही कारण है कि समुदाय के सदस्य मुंबई मार्च कर रहे हैं।
 
जरांगे जालना से मुंबई तक मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं और मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र दिए जाने एवं उनके लिए राज्य सरकार द्वारा कोटा की घोषणा किए जाने तक आंदोलन को महानगर में जारी रखने की योजना है। कुनबी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में सूचीबद्ध हैं।
 
पटोले ने पूछा, मराठा समुदाय का मुंबई आना शिंदे-भाजपा सरकार की सबसे बड़ी नाकामी है। शिंदे-फडणवीस-अजित पवार सरकार ने मराठा समुदाय को गुमराह किया। जरांगे के साथ चर्चा करने वाले दोनों मंत्री कहां छिपे हुए हैं। राज्य सरकार ने जरांगे के साथ वार्ता की थी और कहा था कि यह मराठा समुदाय को आरक्षण देगी लेकिन कुछ नहीं हुआ।
पटोले ने कहा कि जब जरांगे ने हजारों समर्थकों के साथ मुंबई मार्च शुरू किया है तब भी सत्तारूढ़ गठबंधन ने कोई कदम नहीं उठाया। उन्होंने दावा किया कि राज्य के दो मंत्री जरांगे से निरंतर संपर्क में थे लेकिन वे कहीं नहीं दिख रहे हैं, और समुदाय के लिए कोटा की समय सीमा तय किए जाने के बावजूद कोई चर्चा नहीं हुई और न ही कोई निर्णय लिया गया। पटोले ने कहा, शिंदे सरकार मराठों को केवल तारीख दे रही है जो समुदाय का घोर अपमान है।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि सत्ता में आने पर एक महीने के अंदर वह समुदाय को आरक्षण देंगे। पटोले ने कहा कि शिंदे सरकार जून 2022 से सत्ता में है लेकिन मराठा आरक्षण पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।
 
उन्होंने कहा, अब फडणवीस और भाजपा चुप क्यों हैं? भाजपा कोटा विरोधी है और किसी सामाजिक समूह को आरक्षण नहीं देगी। आरक्षण के मुद्दे पर, भाजपा सरकार ने राज्य में मराठा समुदाय और ओबीसी के बीच दरार पैदा कर पाप किया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि आरक्षण की 50 प्रतिशत की ऊपरी सीमा हटाना और जातिवार गणना ही आरक्षण के मुद्दे का एकमात्र समाधान है।(एजेंसियां)
Edited By : Chetan Gour 

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