Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

मोदी-शाह की ‘एकला चलो’ नीति का महाराष्ट्र में बीजेपी ने उठाया खामियाजा

वरिष्ठ पत्रकार शिवअनुराग पटैरिया का नजरिया

विकास सिंह
गुरुवार, 28 नवंबर 2019 (07:45 IST)
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफा के बाद अब भाजपा में सवाल उठने लगे है। भाजपा के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे ने अजित पवार के साथ गठबंधन करने पर सवाल उठा दिए है। गठबंधन में सरकार बनाने में माहिर समझी जाने वाली भाजपा की मोदी-शाह की जोड़ी महाराष्ट्र में कैसे चूक गई इसको लेकर वेबदुनिया ने महाराष्ट्र की राजनीति को लंबे अरसे से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार शिवअनुराग पटैरिया से बातचीत की।
 

बातचीत की शुरुआत करते हुए शिवअनुराग पटैरिया कहते हैं कि  महाराष्ट्र में निश्चित तौर पर मोदी और शाह की जोड़ी जो अब तक जोड़तोड़ की सियासत में माहिर समझी जाती थी वह चूक गई। शिवअनुराग पटैरिया इसके पीछे उनका अति आत्मविश्वास और अहम सबसे बड़ा कारण मानते है। वह कहते हैं  मोदी -शाह का यह अति आत्मविश्वास की हर जीत आपके हिस्से की है उनके लिए घातक साबित हुआ है। 
 
बातचीत में शिवअनुराग पटैरिया कहते हैं कि महाराष्ट्र में मोदी- शाह की हर चाल को 80 साल के शरद पवार ने जिस तरह से मात दी उसका असर आगे चलकर देश की राजनीति में भी देखने को मिलेगा। वह कहते हैं कि महाराष्ट्र में भाजपा ने सबसे बड़ी गलती दो नाव पर एक साथ सवारी करना रहा। एक ओर तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शरद पवार से बातचीत की तो दूसरी ओर अमित शाह ने जिस तरह रातों - रात अजित पवार को अपने खेमे में लाकर खड़ा कर दिया वह शरद पवार के लिए किसी सदमे से कम नहीं था। 
 
शिवअनुराग पटैरिया कहते हैं कि भतीजे अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार की मजूबरी हो गई थी कि वह मोदी सरकार के प्रति अपना सॉफ्ट कॉर्नर खत्म कर सीधे मोर्च पर उतर आए। वह कहते हैं कि शरद पवार ने उस कहावत को एकदम चरितार्थ कर दिया कि हाथी कितना भी दुबला हो जाए पाड़े से मोटा होता है। 
 
वह कहते हैं कि शरद पवार महाराष्ट्र में किंगमेकर की तौर पर उभरे और उन्होंने अपनी राजनीतिक कुशलता से न केवल अपने परिवार को बचा लिया ब्लकि भाजपा के सारे सपने को तार-तार कर दिया। वह कहते हैं कि विधानसभा में शपथ ग्रहण के लिए पहुंचे अजित पवार का जिस तरह सुप्रिया सुले ने स्वागत किया वह पवार परिवार की मजबूती को दिखाता है। 
 
वेबदुनिया से बातचीत में शिवअनुराग पटैरिया महत्वपूर्ण बात कहते हैं कि भाजपा में जिस तरह पिछले पांच-छह साल में मोदी –शाह की जोड़ी ने एकला चलो की राजनीति अपनाई उसका खमियाजा महाराष्ट्र में देखने को मिला है। महाराष्ट्र में भाजपा जब संकट में घिरी तो जिन नेताओं जैसे नितिन गडकरी को सक्रिय भूमिका में नजर आना चाहिए वैसा नहीं हुआ। वह कहते हैं कि जो महाराष्ट्र संघ का उद्भव स्थल वहां पर संघ का भी सक्रिय नहीं होना भाजपा पर भारी पड़ गया। वह कहते हैं कि महाराष्ट्र में नरेंद्र मोदी – शाह ने अपने अहम  बड़ी कीमत चुकाई है। 
 

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

Modi-Jinping Meeting : 5 साल बाद PM Modi-जिनपिंग मुलाकात, क्या LAC पर बन गई बात

जज साहब! पत्नी अश्लील वीडियो देखती है, मुझे हिजड़ा कहती है, फिर क्या आया कोर्ट का फैसला

कैसे देशभर में जान का दुश्मन बना Air Pollution का जहर, भारत में हर साल होती हैं इतनी मौतें!

नकली जज, नकली फैसले, 5 साल चली फर्जी कोर्ट, हड़पी 100 एकड़ जमीन, हे प्रभु, हे जगन्‍नाथ ये क्‍या हुआ?

लोगों को मिलेगी महंगाई से राहत, सरकार बेचेगी भारत ब्रांड के तहत सस्ती दाल

सभी देखें

नवीनतम

CG राज्य पॉवर कंपनी के कर्मचारियों को दिवाली का तोहफा, CM ने की 12 हजार के बोनस की घोषणा

दिवाली और छठ पूजा के लिए 7000 विशेष ट्रेनें चलाएगा रेलवे

माधवी पुरी बुच की अनुपस्थिति पर बैठक स्थगित, बीजेपी ने साधा वेणुगोपाल पर निशाना

शरद पवार खेमे की याचिका पर अजित पवार को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस

फिर मिली 70 से अधिक उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकी

આગળનો લેખ
Show comments